Paytm Revenue: पेटीएम पेमेंट्स बैंक (Paytm Payments Bank) पर लगे रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया (RBI) के प्रतिबंध का असर अगले वित्त वर्ष में भी दिखाई देगा. वित्त वर्ष 2025 में पेटीएम का रेवेन्यू 24 फीसदी तक कम हो सकता है. मोतीलाल ओसवाल फाइनेंशियल सर्विसेज के अनुमान के मुताबिक, पेटीएम (Paytm) का यह नुकसान फोनपे (PhonePe) और गूगल पे (Google Pay) जैसी कंपनियों के लिए अच्छी खबर लेकर आ सकता है. इन कंपनियों का रेवेन्यू अगले वित्त वर्ष में अच्छी उछाल मार सकता है. 


बदलाव के दौर से गुजर रहा पेटीएम का बिजनेस 


मोतीलाल ओसवाल (Motilal Oswal) की रिपोर्ट के अनुसार, आरबीआई प्रतिबंध के चलते बदलाव पेटीएम का बिजनेस बदलाव के दौर से गुजर रहा है. खोए हुए बिजनेस को दोबारा हासिल करने के लिए पेटीएम पुरजोर कोशिश कर रही है. फिर भी हमें आशंका है कि कंपनी का राजस्व अगले वित्त वर्ष में 24 फीसदी और प्रॉफिट 30 फीसदी तक नीचे जा सकता है. मोतीलाल ओसवाल ने कहा कि कंपनी जब चौथी तिमाही के नतीजे जारी करेगी तो उसके बाद हम फिर से उसके बारे में रिव्यू करेंगे. 


कस्टमर से ज्यादा मर्चेंट्स बना रहे पेटीएम से दूरी 


रिपोर्ट के अनुसार, पेमेंट्स बैंक पर लगे प्रतिबंध के चलते पेटीएम लगातार कस्टमर्स और मर्चेंट्स को खो रही है. इसमें चेतावनी दी है कि लगभग 20 फीसदी मर्चेंट्स पेटीएम से दूर जा सकते हैं. हालांकि, कंपनी अपने ज्यादातर कस्टमर बेस को बचाने में सफल हो सकती है. इस महीने ही नेशनल पेमेंट्स कॉर्पोरेशन ऑफ इंडिया (NPCI) ने पेटीएम की पैरेंट कंपनी वन 97 कम्युनिकेशंस (One97 Communications) को थर्ड पार्टी यूपीआई एप चलाने की मंजूरी दे दी थी. इसके लिए यस बैंक, एसबीआई, एचडीएफसी और एक्सिस बैंक को चुना गया है.


15 मार्च से लागू हो गया था आरबीआई का बैन 


मोतीलाल ओसवाल की रिपोर्ट के अनुसार, पेटीएम के रेवेन्यू के अलावा कंपनी का पेमेंट प्रोसेसिंग मार्जिन एक तिहाई तक घट सकता है. यह कमी कंपनी का बिजनेस घटने के चलते आ सकता है. पेटीएम पेमेंट्स बैंक पर आरबीआई का बैन 15 मार्च से लागू हो गया था. इसके चलते पेटीएम के कारोबार को बहुत नुकसान हुआ है. यह उसकी प्रतिस्पर्धी कंपनियों के लिए शानदार अवसर बन चुका है. फोनपे और गूगल पे लगातार अपना बिजनेस बढ़ाने में जुटी हुई हैं.


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