त्योहारों के करीब आते ही विमानन किराया सातवें आसमान पर पहुंच जाता है. आपने भी कई बार इसे महसूस किया होगा और बेतहाशा बढ़े किराए से परेशान हुए होंगे. अब आपकी इस परेशानी पर संसद की एक समिति की नजरें पड़ गई हैं और समिति ने इस पर लगाम लगाने की सिफारिश की है.


त्योहारों में बढ़ जाता है किराया


ट्रांसपोर्ट, टूरिज्म एंड कल्चर पर संसद की स्थाई समिति ने घरेलू उड़ानों के किराए को रेगुलेट किए जाने की पैरवी की है. वाईएसआर कांग्रेस के सांसद वी विजयसाई रेड्डी की अगुवाई वाली समिति का कहना है कि त्योहारों और छुट्टियों के करीब आने पर घरेलू विमानन कंपनियां किराया बढ़ा देती हैं. इस संबंध में कई मामले देखे गए हैं. ऐसे में समिति का कहना है कि विमानन नियामक डाइरेक्टरेट जनरल ऑफ सिविल एविएशन को घरेलू उड़ानों का किराया रेगुलेट करने की शक्ति दी जानी चाहिए.


अभी ऐसे तय होता है किराया


अभी विमानन किराया डायनेमिक तरीके से तय होता है. इसके लिए विमानन कंपनियों को सेल्फ रेगुलेशन की ताकत दी गई है. डायनेमिक फेयर के तहत किसी खास रूट या खास दिन ज्यादा इंक्वायरी व बुकिंग मिलने से किराया खुद ब खुद बढ़ जाता है. कई मामलों में देखा गया है कि विमानन किराया व्यस्तता के समय में कई-कई गुणा बढ़ जाता है.


प्रभावी नहीं है सेल्फ-रेगुलेशन


संसदीय समिति को भी ऐसे मामले मिले हैं. समिति ने अपनी रिपोर्ट में कहा है कि विमानन कंपनियों के द्वारा सेल्फ-रेगुलेशन प्रभावी नहीं है. समिति को ऐसे कई मामले मिले हैं, जिनमें विमानन किराए में असामान्य तेजी देखी गई, खासकर त्योहारों व छुट्टियों के दौरान. अगर डीजीसीए रिकॉर्ड की पड़ताल करे तब विमानन कंपनियों के द्वारा नियम तोड़े जाने के मामले खुल सकते हैं.


डीजीसीए तैयार करे मैकेनिज्म


समिति का कहना है कि घरेलू मार्गों पर विमानों के किराए पर निगरानी की जरूरत है. इसके लिए समिति ने सुझाव दिया कि डीजीसीए को एयर फेयर रेगुलेट करने का मैकेनिज्म बनाना चाहिए. मंत्रालय इसके लिए कोई अलग एंटिटी भी बना सकता है, जिसका काम होगा विमानन किराए की दरों पर लगाम लगाना. इसके लिए उस एंटिटी को कानूनन रूप से सशक्त भी किया जा सकता है.


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