Common ITR Forms: वित्त मंत्रालय से जुड़ी संसदीय समिति ने मंत्रालय से जल्द से जल्द कॉमन आईटीआर फॉर्म जारी करने को कहा है. समिति ने टैक्सपेयर्स के लिए इनकम टैक्स रिटर्न भरने को सरल बनाने और नॉन-बिजनेस टैक्सपेयर्स के लिए जल्द कॉमन इनकम टैक्स रिटर्न जारी करने को कहा है. बीते वर्ष ही वित्त मंत्रालय ने कॉमन आईटीआर फॉर्म का प्रस्ताव लेकर आई थी और सभी स्टेकहोल्डर्स से इस बाबत सुझाव मांगे गए थे.  


संसदीय समिति के अध्यक्ष जयंत सिन्हा पहले भी इनकम टैक्स रिटर्न दाखिल करने में टैक्सपेयर्स को होने वाली मुश्किलों का मुद्दा उठा चुके हैं. उन्होंने सीबीडीटी से इनकम टैक्स रिटर्न भरने की प्रक्रिया को सरल बनाने की अपील की थी. समिति ने कहा कि अगर किसी व्यक्ति की सैलरीड, रेंट, बिजनेस इनकम है तो वो चार्टड अकाउंटेंट या फिर किसी जानकार के सुझाव के बगैर आयकर रिटर्न नहीं भर सकता है. 


संसदीय समिति को अपने जवाब में मंत्रालय ने बताया कि उसने टैक्स कम्पलायंस को आसान बनाने के लिए सैलेरी इनकम को आईटीआर में पहले से प्री-फिल्ड कर उपलब्ध करा रही है. प्री-फिल्ड जानकारियों में अब प्रॉपर्टी इनकम, बैंक से ब्याज इनकम, डिविडेंड को भी शामिल किया गया है. वित्त मंत्रालय ने बताया कि विश्व में बेस्ट प्रैक्टिस के आधार पर कॉमन आईटीआर फॉर्म लाने का प्रस्ताव है जिसमें आईटीआर-7 को छोड़कर बाकी सभी आईटीआर का आपस में विलय किया जा रहा है. कमिटी ने मंत्रालय से इस कवायद में तेजी लाने को कहा है.   


बीते वर्ष वित्त मंत्रालय सभी टैक्सपेयर्स के लिए कॉमन इनकम टैक्स रिटर्न फॉर्म का प्रस्ताव लेकर आया था. वित्त मंत्रालय ने स्टेकहोल्डर्स से 15 दिसंबर, 2022 तक सुझाव मांगे थे.  इस बात के कयास लगाये जा रहे थे कि 2023-24 के बजट में कॉमन आईटीआर फॉर्म लाने की घोषणा की जा सकती है. पर ऐसा हुआ नहीं. 


मौजूदा समय में अलग अलग कैटगरी के टैक्सपेयर्स के लिए 7 प्रकार के आईटीआर फॉर्म मौजूद है. लेकिन वित्त मंत्रालय सभी टैक्सपेयर्स के लिए अब एक ही आईटीआर फॉर्म का प्रस्ताव लेकर आया था. आईटीआर-7 को छोड़कर बाकी सभी आईटीआर फॉर्म का आपस में विलय करने का प्रस्ताव है.  सीबीडीटी ने तब कहा था कि आईटीआर-1 और आईटीआर - 4 जारी रहेगा, लेकिन टैक्सपेयर्स के पास ये विकल्प होगा कि वे कॉमन आईटीआर के जरिए आयकर रिटर्न दाखिल करें. 


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