Pakistan Economy Crisis: अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष (IMF) ने शनिवार को पाकिस्तान से नौवे समीक्षा बेलआउट पैकेज के तहत 8 अरब डॉलर की व्यवस्था करने के लिए कहा है. द एक्सप्रेस ट्रिब्यून के रिपोर्ट के मुताबिक, 8 अरब डॉलर की राशि लोन की बकाया धनराशि का एक हिस्सा है. आईएमएफ के बेलआउट पैकेज के तहत बाकी राशि तभी दी जाएगी, जब ये धनराशि चुकाई जाती है. 


सऊदी अरब और संयुक्त अरब अमीरात (यूएई) से समर्थन मिलने के बावजूद यह मांग 6.5 अरब अमेरिकी डॉलर के बेलआउट पैकेज के ओपन होने की संभावना को और कम कर रही है. गौरतलब है कि आईएमएफ पैकेज में से 1.1 बिलियन अमेरिकी डॉलर की किस्त जारी करने के लिए एक कर्मचारी स्तर की डील नवंबर से टल रही है. 


आसान नहीं होगी पाकिस्तान की राह 


द एक्सप्रेस ट्रिब्यून ने कहा कि वाशिंगटन स्थित वित्तीय निकाय ने मई-दिसंबर 2023 के लिए कजै चुकाने के लिए 6 बिलियन अमरीकी डालर से 8 बिलियन अमरीकी डालर की पहले की स्थिति से एक्स्ट्रा फंड की मांग की है. कर्जदाता ने इस अवधि के लिए सभी अनुमाति इनफ्लो और आउटफ्लो पर विचार करके 8 अरब डॉलर की आवश्यकता को पूरा किया है. वहीं पाकिस्तान के वित्त मंत्री इशाक डार का कहना है कि पाकिस्तान आईएफएफ की मांग पर कड़े फैसले नहीं लेगा. 


आईएमएफ पर निर्भर ये डील 


इशाक डार ने कहा कि यह पूरी तरह से आईएमएफ पर निर्भर है कि वह कर्मचारी स्तर के डील पर सिग्नेचर करे या नहीं? उन्होंने कहा कि हमने आईएमएफ की शर्तों को पहले ही पूरा कर दिया है. अब पूरा करने की स्थिति में नहीं हैं. आईएमएफ का ध्यान अब पाकिस्तान अपनी बकाया राशि को चुकाने से पीछे नहीं हटे. वहीं पाकिस्तान विदेशी मुद्रा भंडार को बढ़ाने पर फोकस नहीं कर रहा है. 


आईएएनएस की रिपोर्ट में कहा गया है कि आईएमएफ ने पाकिस्तान भारी वित्तीय संकट से गुजर रहा है, जिस कारण उसे फंड जुटाने की आवश्यकता है. ऐसे में एक्स्ट्रा फंड की मांग जरूरी है. 


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