Oyo Hotels :  काफी विवादों और सामाजिक दबाव के बाद ओयो होटल ने मेरठ में किसी अविवाहित जोड़े को रूम नहीं देने की पिछले दिनों घोषणा की. ओयो के प्लेटफॉर्म पर मेरठ के लिए रूम बुकिंग के बाद इसकी तहकीकात भी की जाने लगी है. होटल में इंट्री के समय अपने रिलेशनशिप का प्रूफ नहीं दिखाने वाले कपल की बुकिंग कैंसल की जा रही है. परंतु मेऱठ के बाद देश के कई शहरों में भी इस तरह की मांग होने लगी है. देश के आईटी हब बैंगलुरू में भी कई संगठन इस तरह की मांग को हवा दे रहे हैं. होटल इंडस्ट्रीज ही नहीं दूसरे कई कारोबार भी इस तरह की मोरल पुलिसिंग की चपेट में हैं. इसे लेकर कई सेक्टर में घबराहट का आलम है. यह सही है कि खिलौना या डिटर्जेंट बेचने की तरह सर्विस इंडस्ट्री सिविल सोसाइटी को ट्रीट नहीं कर सकती है. लेकिन कस्टमर को इंसान मानने के अलावा कोई चारा भी नहीं है.

मोरल पुलिसिंग के ब्रांड को नुकसान

जानकारों का मानना है कि मोरल पुलिसिंग के आगे सर्विस इंडस्ट्री के इस तरह सरेंडर करने से ओयो जैसे ब्रांड की कोर अपील को नुकसान पहुंच सकता है. ओयो ने एक सिटी के लिए भले ही अपनी पॉलिसी बदल दी है, लेकिन दूसरे होटल या ओयो भी दूसरे शहरों में इस पॉलिसी को लागू करने लगे तो लोगों को मैरेज सर्टिफिकेट के साथ ट्रेवल करने के लिए मजबूर होना पड़ेगा. क्या इससे ओयो का 10 साल पहले लॉन्चिंग के समय किया वादा प्रभावित नहीं होगा. देश के अजनबी शहरों में पार्टनर के साथ यात्रा करते वक्त इस कंपनी ने किफायती दरों पर होटल बुकिंग का भरोसा दिया था. अगर मेरठ के बाद कुछ और शहरों में ओयो ने अपनी पॉलिसी बदल दी तो ग्राहकों का भरोसा टूट जाएगा.

फूड डिलीवरी सेवाएं भी सोशल डिविजन की शिकार

केवल ओयो ही नहीं फूड डिलीवरी सेवाएं भी सामाजिक विभाजन की शिकार होती हैं. डिलिवरी ब्वॉय से कई बार पोर्क या बीफ की डिलिवरी करने को लेकर सवाल पूछे जाते हैं. इसके लिए उन्हें कई बार गलत तरीके से ट्रीट भी किया जाता है.

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