Phone Model Based Taxi Pricing: केंद्रीय उपभोक्ता मामलों के मंत्री प्रहलाद जोशी ने कहा है कि ऑनलाइन टैक्सी बुकिंग प्लेटफॉर्म मोबाइल फोन मॉडल देखकर टैक्सी का किराया तय करते हैं या नहीं, इसका सच अब जल्दी ही सामने आ जाएगा. प्रहलाद जोशी ने गुरुवार को सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर पोस्ट कर कहा कि सेंट्रल कंज्यूमर प्रोटेक्शन अथॉरिटी को उन्होंने इसकी जांच के आदेश दिए हैं. ज्ञात हो कि कुछ महीनों पहले यह शिकायत आई थी कि ओला और उबर जैसे ऑनलाइन टैक्सी बुकिंग प्लेटफॉर्म मोबाइल फोन मॉडल आधारित डिफरेंशियल प्राइसिंग अपना रहे हैं. इसके तहत एक स्थान से दूसरे स्थान जाने के लिए ऐपल के मोबाइल फोन से बुक कराने पर ज्यादा किराया चार्ज किया जाता है. वहीं एंड्रॉयड बेस्ट मोबाइल फोन से बुक कराने पर कम किराया चार्ज किया जाता है. 

उबर ने आरोपों को खारिज किया

सीसीपीए की ओर से शुरू की गई जांच के मद्देनजर उबर ने इस तरह के आरोपों को खारिज किया है. मनी कंट्रोल की रिपोर्ट के मुताबिक, उनके पास ऐसा कोई प्राइसिंग मॉडल नहीं है, जिसमें यूजर के फोन मॉडल के आधार पर राइड का प्राइस तय किया जाता है. उबर के स्पोक्सपर्सन ने रायटर को बताया कि वे फोन मॉडल बेस्ड प्राइसिंग के बारे में पैदा हुई गलतफहमी को दूर करने के लिए सीसीपीए के साथ मिलकर काम कर रहे हैं. यूजर के फोन का मैनुफैक्चरर कौन है, इसके आधार पर किराया तय करने का कोई सिस्टम उनके पास नहीं है. केंद्रीय मंत्री ने पोस्ट किया है कि उन्होंने फूड डिलीवरी और ऑनलाइन टिकट बुकिंग पोर्टल के बारे में भी डिफरेंशियल प्राइसिंग स्ट्रेटजी अपनाए जाने की शिकायतों की जांच के लिए भी कहा है.

अमेरिका और कनाडा के बाहर उबर का सबसे बड़ा मार्केट है भारत

उबर कंपनी के लिए अमेरिका और कनाडा के बाहर भारत सबसे बड़ा मार्केट है. यहां उबर कंपनी ओला और रैपिडो के साथ भीषण कारोबारी जंग में फंसी हुई है. इसी तरह की प्रतियोगिता का सामना इलेक्ट्रिक राइड ऐप ब्लू स्मार्ट के साथ भी करना पड़ रहा है.

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