दुनिया भर की नामी-गिरामी कंपनियों में छंटनी की लहर थमने का नाम नहीं ले रही है. अमेरिका में कई दिग्गज कंपनियों के द्वारा इस साल की जा चुकी छंटनी के बाद अब जापान में भी कर्मचारियों पर असर पड़ने लगा है. छंटनी करने वाली कंपनियों की लिस्ट में अब नया नाम जुड़ा है जापानी कंपनी तोशिबा का.


इतने कर्मचारियों पर होगा असर


निक्की एशिया की एक रिपोर्ट के अनुसार, तोशिबा लगभग 5 हजार कर्मचारियों को नौकरी से बाहर करने वाली है. रिपोर्ट में बताया गया है कि कंपनी की छंटनी की इस योजना का असर घरेलू बाजार यानी जापान के कर्मचारियों पर होने वाला है. कंपनी ने जितने कर्मचारियों की छंटनी करने की योजना तैयार की है, वह जापान में उसके टोटल वर्कफोर्स के करीब 7 फीसदी के बराबर है.


2015 में भी हुई थी बड़ी छंटनी


यह तोशिबा की लगभग एक दशक की सबसे बड़ी छंटनी है. इससे पहले तोशिबा ने साल 2015 में हजारों कर्मचारियों की छंटनी की थी, जब कंपनी में अकाउंटिंग की गड़बड़ियों का मामला सामने आया था. कंपनी उस समय अकाउंटिंग की गड़बड़ियों के चलते विवादों में घिर गई थी. उसके बाद उसने बड़े पैमाने पर कर्मचारियों को बाहर का रास्ता दिखाया था.


छंटनी से आएगा इतना बड़ा खर्च


इस बार की छंटनी की योजना में गाज उन कर्मचारियों पर गिरने वाली है, जो कंपनी के हेडक्वार्टर में बैक-ऑफिस के काम में लगे हुए हैं. कर्मचारियों को कंपनी की ओर से स्वैच्छिक सेवानिवृत्ति का विकल्प मिलने वाला है. रिपोर्ट के अनुसार, छंटनी की इस योजना में स्पेशल रिटायरमेंट बेनेफिट्स और आउटप्लेसमेंट सर्विसेज पर कंपनी को लगभग 100 बिलियन येन (646 मिलियन डॉलर) का खर्च आने वाला है.


तोशिबा के ऊपर कर्ज का दबाव


जापानी कंपनी तोशिबा अभी फाइनेंशियल चुनौतियों से जूझ रही है. पिछले साल दिसंबर में कंपनी जापानी शेयर बाजार से डिलिस्ट हो गई थी. डिलिस्टिंग में जापान इंडस्ट्रियल पार्टनर्स कंसोर्टियम ने शेयरधारकों से शेयर वापस खरीदने के लिए 2.4 ट्रिलियन येन खर्च किया था. उसमें से 1.4 ट्रिलियन येन का प्रबंध बैंकों से लोन लेकर किया गया था, जिसके लिए तोशिबा की संपत्तियों को बैंकों के पास गिरवी रखा गया है.


एक दिन पहले आई गूगल की खबर


इससे एक दिन पहले ही टेक जगत की दिग्गज कंपनी गूगल में छंटनी की जानकारी सामने आई थी. गूगल की 2024 में ही यह दूसरी छंटनी है. उससे पहले 2024 में अब तक साढ़े तीन महीने के दौरान एप्पल से लेकर फेसबुक और अमेजन जैसी दिग्गज कंपनियां भी छंटनी कर चुकी हैं. दुनिया भर में कंपनियां परिचालन की लागत को कम करने के लिए रिस्ट्रक्चरिंग का सहारा ले रही है और छंटनी पर फोकस कर रही हैं.


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