Indian Electric Vehicle: एलन मस्क की कंपनी टेस्ला की भारत में एंट्री होने वाली है. इसका देश में बनने वाली इलेक्ट्रिक व्हीकल्स मार्केट पर कितना असर होगा, इसका जवाब केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी ने दे दिया है. केंद्रीय परिवहन मंत्री नितिन गडकरी को भरोसा है कि लोकल ईवी ब्रांड्स अपनी पोजीशन को मजबूती से बनाए रखने में सक्षम होंगे. 

'हम किसी से कम नहीं'

HPCL के आयोजित कार्यक्रम टाइम्स ड्राइव ऑटो समिट एंड अवार्ड्स में उन्होंने कहा, ''भारत एक ओपन मार्केट है. यहां कोई भी कंपनी आ सकती है, मैन्युफैक्चरिंग कर सकती है और लागत के मामले में प्रतिस्पर्धा कर सकती है. लेकिन हमारे भारतीय इलेक्ट्रिक कार मेकर्स भी किसी से कम नहीं हैं. हम डिजाइन, क्वॉलिटी और टेक्नोलॉजी के मामले में बेस्ट हैं.'' उन्होंने कहा कि यह कॉन्फिडेंस इसलिए है क्योंकि देश की ऑटोमोबाइल इंडस्ट्री अब कॉस्ट बेस्ड सेक्टर से क्वॉलिटी बेस्ड इंडस्ट्री में बदल चुकी है.

तीसरा सबसे बड़ा ऑटोमोबाइल मार्केट भारत

केंद्रीय मंत्री ने यह भी कहा कि आने वाले समय में यही सारी बातें भारत को दुनिया का टॉप ऑटोमोबाइल इंडस्ट्री बना देगा. उन्होंने बताया, ''मौजूदा समय में हम 22 लाख करोड़ रुपये के साथ दुनिया की सबसे बड़ा ऑटोमोबाइल मार्केट है. अमेरिका (78 लाख करोड़ रुपये) पहले नंबर पर और चीन (49 लाख करोड़ रुपये) दूसरे नंबर पर है. अगले पांच साल में वैकल्पिक ईंधन के अधिक इस्तेमाल, इम्प्रूव्ड कॉस्ट व क्वॉलिटी और इलेक्ट्रिफिकेशन से हम नंबर वन होंगे.'' 

फ्लेक्सी फ्यूल फ्यूचर पर हो रहा काम

ऑटोमोबाइल इंडस्ट्री और सरकार दोनों ही फ्लेक्सी-फ्यूल पर काम कर रहे हैं. नितिन गडकरी ने कहा, ''टाटा, महिंद्रा, सुजुकी, हुंडई सात या आठ कंपनियों ने पहले से ही फ्लेक्सी फ्यूल बनाने का प्लान बना लिया है, जबकि अडानी, टाटा, मारुति, एलजी, सैमसंग जैसी कंपनियों को एक स्पेशल स्कीम के तहत लिथियम आयन बैटरी बनाने की मंजूरी मिल गई है.'' 

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