GST Reforms: वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने रविवार को कहा कि जीएसटी अब रोजमर्रा की जिंदगी के हर पहलू में अपनी उपस्थिति दर्ज करा रहे हैं. चेन्नई में एक कार्यक्रम में बोलते हुए उन्होंने बताया कि कैसे हाल ही में हुए जीएसटी रिफॉर्म्स का असर लोगों के जागने से लेकर सोने तक देखा जा सकता है. देश के आम नागरिकों को सुबह की चाय से लेकर रात के खाने तक की हर चीज में फायदा मिल रहा है. वित्त मंत्री सीतारमण ने बताया कि जीएसटी लागू होने से पहले केवल लगभग 66 लाख व्यवसाय ही टैक्स सिस्टम का हिस्सा थे, जबकि पिछले आठ सालों में यह संख्या बढ़कर 1.5 करोड़ तक पहुंच गया है. इसका श्रेय उन्होंने सरकार की पारदर्शी और सरलीकृत कर नीतियों को दिया है.  

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मिडिल क्लास को मिलेगी राहत 

वित्त मंत्री ने आगे कहा कि पिछले आठ महीनों में सरकार ने कर वर्गीकरण को सरल और स्पष्ट बनाने के लिए काम किया है ताकि लोगों को कोई कन्फ्यूजन न हो. उन्होंने जोर देकर कहा कि जीएसटी रिफॉर्म्स के बाद कई चीजों का इनपुट कॉस्ट कम होगा, जिससे प्रोडक्शन में कम खर्च आएगा. आखिरकार उपभोक्ताओं को कम कीमत पर चीजें मिलेंगी. एक बड़े बदलाव का जिक्र करते हुए वित्त मंत्री सीतारमण ने कहा कि 99 परसेंट चीजें जो पहले 12 परसेंट जीएसटी स्लैब के अंतर्गत आती थीं, अब 5 परसेंट जीएसटी स्लैब के तहत आएंगी. इससे रोजमर्रा की कई चीजें ज्यादा सस्ती हो जाएंगी, जिससे आम लोगों को राहत मिलेगी. 

जनता और सरकार दोनों को फायदा 

वित्त मंत्री सीतारमण ने कहा कि टैक्स सिस्टम के आसान होने से डिस्ट्रीब्यूटर्स के साथ-साथ मैन्युफैचररर्स को भी इसमें शामिल होने का प्रोत्साहन मिलेगा. वित्त मंत्री ने कहा कि जीएसटी कलेक्शन 2018 के 7.18 लाख करोड़ रुपये से बढ़कर 22.08 लाख करोड़ रुपये हो गया है, जिससे आम जनता और राज्य सरकारों, दोनों को लाभ हुआ है.

उन्होंने आगे कहा, "कुछ लोगों ने मेरी आलोचना की होगी और कहा होगा कि मैं सिर्फ लोगों को परेशानी में डालना जानती हूं, लेकिन हम देश के लिए काम कर रहे हैं. राज्य के मंत्री जीएसटी काउंसिल की स्थापना के समय से ही इसका हिस्सा रहे हैं और यह फैसला सामूहिक रूप से लिया गया है."

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