भगोड़े हीरा कारोबारी नीरव मोदी का लंदन स्थित एक लग्जरी फ्लैट बिकने वाला है. ब्रिटेन की एक कोर्ट ने नीरव मोदी के फ्लैट की बिक्री की मंजूरी दे दी है. इस बिक्री से 55 करोड़ रुपये से ज्यादा मिल सकते हैं.


वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग से हुई नीरव मोदी की पेशी


न्यूज एजेंसी पीटीआई की एक रिपोर्ट के अनुसार, लंदन हाई कोर्ट ने बुधवार को इस संबंध में एक अहम फैसला दिया, जिसमें नीरव मोदी के फ्लैट की बिक्री मंजूर कर दी गई. हाई कोर्ट में सुनवाई के दौरान नीरव मोदी को वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए पेश किया गया. लंदन कोर्ट में एक ट्रस्ट ने नीरव मोदी के फ्लैट को बेचे जाने की याचिका दायर की थी.


प्रत्यर्पण को मिल चुकी है कोर्ट से मंजूरी


नीरव मोदी भारत में बैंकों के साथ धोखाधड़ी करने के मामले में वांछित है. एक समय हीरा कारोबार में प्रमुख नाम बन चुके नीरव मोदी को अभी भारत में भगोड़ा घोषित किया जा चुका है. फिलहाल वह साउथ-ईस्ट लंदन में स्थित थेमसाइड कारावास में कैद है. उसे प्रत्यर्पित कर भारत लाने और बैंकों के फंसे पैसे वसूल करने के लिए सालों से प्रयास चल रहा है. उसके प्रत्यर्पण को लंदन सुप्रीम कोर्ट से मंजूरी मिल चुकी है. हालांकि अभी इस मामले में कुछ कानूनी अड़चनें बची हुई हैं.


इस ट्रस्ट के पास है अभी फ्लैट का कब्जा


ताजे मामले में लंदन कोर्ट ने जिस फ्लैट की बिक्री की मंजूरी दी है, वह 103 मैराथन हाउस पर स्थित है. उस लग्जरी फ्लैट को नीरव मोदी के द्वारा इस्तेमाल किया जाता था. अभी फ्लैट ट्राइडेंट ट्रस्ट कंपनी (सिंगापुर) प्राइवेट लिमिटेड के कब्जे में है. फ्लैट की बिक्री में उसकी वैल्यू कम से कम 5.25 मिलियन पाउंड आंकी जाने की उम्मीद है. भारतीय करेंसी में यह रकम 55 करोड़ रुपये से भी ज्यादा हो जाती है.


सिक्योर अकाउंट में रखे जाएंगे पैसे


ट्राइडेंट ट्रस्ट ने सेंट्रल लंदन स्थित फ्लैट को बेचने की मांग की थी. कोर्ट ने फ्लैट बेचने की उसकी मांग को भले ही स्वीकार कर लिया है, लेकिन बिक्री से मिलने वाले पैसे अभी ट्रस्ट के द्वारा इस्तेमाल नहीं हो सकेंगे. ईडी ने कोर्ट में अपना पक्ष रखते हुए कहा था कि बिक्री से मिलने वाले पैसों को एक सिक्योर अकाउंट में तब तक के लिए रखा जाना चाहिए, जब तक ट्रस्ट के द्वारा सारी देनदारी क्लियर न कर दी जाए. संबंधित ट्रस्ट को दिसंबर 2017 में नीरव मोदी की बहन पूर्वी मोदी के नाम से बनाया गया है और उसके परिवार के सदस्य ही अन्य लाभार्थियों में शामिल हैं.


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