New vs Old Tax Regime: इनकम टैक्स रिटर्न (Income Tax Return) फाइल करने का समय करीब आ रहा है. अभी कई टैक्सपेयर्स इस कंफ्यूजन में हैं कि उन्हें किस टैक्स रिजीम (New vs Old Tax Regime) का चुनाव करना चाहिए. करदाता नई टैक्स रिजीम (New Tax Regime) या पुरानी टैक्स रिजीम (Old Tax Regime) में किसी एक टैक्स रिजीम का चुनाव कर सकते हैं. दो टैक्स रिजीम में से किसी एक के चुनाव के लिए करदाताओं के बीच कंफ्यूजन का माहौल है. लोगों को यह समझ में नहीं आ रहा है कि वह कितनी सैलरी पर किस कर व्यवस्था का चुनाव करें.


नई टैक्स रिजीम क्या है?


नई टैक्स व्यवस्था के अनुसार 7 लाख रुपये की इनकम पर किसी तरह का टैक्स नहीं लगेगा. यह टैक्स व्यवस्था एक डिफॉल्ट टैक्स रिजीम है, यानी अगर आप किसी तरह के रिजीम का चुनाव नहीं करते हैं तो यह टैक्स रिजीम अपने आप ही चुन लिया जाएगा. कंपनी ऐसी स्थिति में टीडीएस नई कर व्यवस्था के अनुसार काटेगी. 7 लाख रुपये की टैक्स फ्री इनकम के अलावा आपको 50,000 रुपये का स्टैंडर्ड डिडक्शन का लाभ का भी फायदा मिलेगा. ऐसे में कुल छूट 7.5 लाख रुपये की होगी. नई टैक्स व्यवस्था में 30 फीसदी का टैक्स 15 लाख से ऊपर की इनकम पर देना होगा. वहीं 10 से 12 लाख की इनकम पर 10 फीसदी टैक्स और 12 से 15 लाख रुपये की इनकम पर 20 फीसदी टैक्स देना होगा. इसमें आपको निवेश पर छूट का लाभ नहीं मिलता है.



  • 0 से तीन लाख- 0 फीसदी

  • 3 से 6 लाख- 5 फीसदी

  • 6 से 9 लाख- 10 फीसदी

  • 9 से 12 लाख- 15 फीसदी

  • 12 से 15 लाख- 20 फीसदी

  • 15 से ज्यादा लाख- 30 फीसदी


पुरानी टैक्स रिजीम क्या है?


पुरानी टैक्स रिजीम के अनुसार आपको 5 लाख रुपये तक कोई टैक्स नहीं देना होगा. पुरानी कर व्यवस्था के अनुसार 2.5 लाख रुपये की इनकम पर 0 फीसदी टैक्स देना होगा. वहीं 2.5 से 5 लाख रुपये की इनकम पर 5 फीसदी टैक्स देना होगा. इसमें 12,500 रुपये पर टैक्स छूट मिलता है. ऐसे में सीधे तौर पर पुरानी कर व्यवस्था में 5 लाख तक छूट मिलती है. इस टैक्स रिजीम में 10 लाख रुपये से अधिक की इनकम पर 30 फीसदी के टैक्स देना होगा. इस रिजीम पर आपको निवेश के बदले टैक्स छूट का लाभ मिलेगा.



  • 2.5 लाख तक- 0 फीसदी

  • 2.5 लाख से 5 लाख तक- 5 फीसदी

  • 5 लाख से 10 लाख तक- 20 फीसदी

  • 10 लाख से ऊपर-30 फीसदी



दोनों रिजीम से कौन है बेहतर?


सरकार नई टैक्स व्यवस्था पर जोर दे रही है क्योंकि आने वाले समय में सरकार केवल एक कर व्यवस्था रखने की प्लानिंग कर रही है. ऐसे में नई टैक्स रिजीम को पॉपुलर बनाने के लिए इसमें स्टैंडर्ड डिडक्शन का तोहफा भी दिया गया है. पुरानी टैक्स व्यवस्था उन लोगों के लिए बेहतर है जिन्होंने टैक्स सेविंग स्कीम्स जैसे पीपीएफ, सुकन्या समृद्धि योजना, होम लोन आदि में निवेश किया है. ऐसे में वह इन सभी को क्लेम करके टैक्स छूट का लाभ ले सकते हैं. वहीं जो लोग निवेश से दूर भागते हैं उनके लिए नई कर व्यवस्था ही बेहतर है. 


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