नई दिल्लीः सरकार ने नोटबंदी के ऐलान के बाद 500 और 2000 के नए नोट जारी किए लेकिन अब इससे जुड़ी एक खबर है जो कुछ परेशान कर सकती है. दृष्टिबाधित लोग यानी नेत्रहीन लोग नए नोट को इस्तेमाल के अनुकूल नहीं पा रहे हैं क्योंकि छूकर उन्हें पहचान पाना मुश्किल हो रहा है.


राष्ट्रीय दृष्टिबाधित संगठन (एनएबी) के एक अधिकारी ने बताया कि 500 रुपये और 2000 रुपये के नये नोट पर अंकों को सही तरह से उभारा नहीं गया है जिससे दृष्टिबाधित लोग उनमें अंतर नहीं कर पा रहे हैं और पहचान नहीं पा रहे हैं.


एनएबी के राष्ट्रीय सचिव जोकिम रापोसे ने कहा, ‘‘नवम्बर में 500 रुपये और 1000 रुपये के नोट बंद करने का फैसला करने के बाद मैंने केंद्र सरकार से संपर्क कर कहा कि सुनिश्चित किया जाए कि नये नोट में अंकों का पर्याप्त उभार हो ताकि अंगुलियों से उन्हें महसूस किया जा सके.’’ उन्होंनें कहा, ‘‘मुझे बताया गया कि इस मांग को पूरा कर लिया जाएगा लेकिन अभी तक हमारी समस्या का समाधान करने के लिए कोई कदम नहीं उठाया गया है.’’ रापोसे ने कहा, ‘‘मुझे बाद में बताया गया कि नये नोट में आवश्यक बदलाव होंगे लेकिन अभी तक कोई बदलाव नहीं हुआ है.’’ दृष्टिबाधितों के राज्य विकास और वित्त निगम के मुताबिक सिर्फ महाराष्ट्र में ही 5.74 लाख लोग दृष्टिबाधित हैं.


उन्होंने कहा, ‘‘सरकारी आंकड़े के मुताबिक देश में 80 लाख लोग हैं जो दृष्टिबाधित हैं. दुर्भाग्य से नये नोट प्रिंट करते वक्त उनके मुद्दों और समस्याओं को ध्यान में नहीं रखा जाता है.’’ हालांकि पहले से चल रहे 10, 20, 50, 100 के नोटों में ब्लीड लाइन्स और आइडेंटिफिकेशन मार्क ठीक तरह से बने हुए थे जिससे दृष्टिबाधित लोगों के लिए उन्हें पहचानना आसान हो चला था.