Cerelac: बच्चों के लिए मशहूर फूड प्रोडक्ट सेरेलेक (Cerelac) में ज्यादा एडेड शुगर होने के आरोप लग रहे हैं. इन आरोपों के चलते हाल ही में दावा किया गया था एफएसएसएआई (FSSAI) ने नेस्ले इंडिया (Nestle India) के इस मशहूर प्रोडक्ट के सैंपल जांच के लिए इकट्ठे किए हैं. अब इन आरोपों पर नेस्ले इंडिया ने सफाई दी है. उन्होंने सेरेलेक के ऊपर लग रहे सभी आरोपों से इंकार किया है. कंपनी ने कहा कि सेरेलेक में नियमों के दायरे में ही एडेड शुगर है. इसमें साल दर साल कमी की जा रही है. 


सेरेलेक में नियमों के दायरे में है शुगर


नेस्ले इंडिया ने कहा कि हम भारत सरकार के सभी नियमों का पालन कर रहे हैं. सेरेलेक में नियमों के दायरे से भी कम एडेड शुगर है. कंपनी के चेयरमैन एवं एमडी सुरेश नारायणन (Suresh Narayanan) ने बताया कि सेरेलेक में शुगर मिलाई जा रही है. मगर, यह नियमों के दायरे में है. हम इसको स्पष्ट रूप से अपने डिब्बे पर भी लिखते हैं. कंपनी किसी भी नियम का उल्लंघन नहीं कर रही है. पिछले 5 साल में एडेड शुगर में 30 फीसदी कमी भी की गई है. इससे आगे भी घटाया जाएगा. 


यूरोप में बिक रहे सेरेलेक में नहीं होती एडेड शुगर 


नेस्ले इंडिया ने बेबी फूड ब्रांड सेरेलेक पर लग रहे आरोपों पर पहली बार सफाई दी है. स्विट्जरलैंड की एक जांच संस्था पब्लिक आई और इंटरनेशनल बेबी फूड एक्शन नेटवर्क ने अपनी रिपोर्ट में दावा किया था कि भारत में बिक रहे सेरेलेक में एडेड शुगर है. भारत में बिक रहे सेरेलेक में शुगर मिलाई जा रही है. यूरोप में बिकने वाले बेबी फूड प्रोडक्ट्स में कंपनी एडेड शुगर नहीं मिलाती है. 


FSSAI ने 13.6 ग्राम एडेड शुगर की दी है मंजूरी 


सुरेश नारायणन ने बताया कि 18 महीने से छोटे बच्चों के लिए प्रोडक्ट ग्लोबल लेवल पर तैयार किए जाते हैं. इन्हें बनाते समय बच्चों के लिए कार्बोहाईड्रेट, एनर्जी, प्रोटीन, फैट, विटामिन, मिनरल्स और सप्लीमेंट्स की जरूरत का ध्यान दिया जाता है. भारत के बच्चों और यूरोप के बच्चों में कोई भेदभाव नहीं किया जाता है. FSSAI ने प्रति 100 ग्राम बेबी फूड में 13.6 ग्राम एडेड शुगर की मंजूरी दी हुई है. नेस्ले के सेरेलेक में सिर्फ 7.1 ग्राम एडेड शुगर ही है. इसलिए हमारे ऊपर लगाए गए आरोप दुर्भाग्यपूर्ण हैं.


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