भारत और नेपाल के संबंध सदियों पुराने हैं. दोनों देशों के बीच व्यापारिक संबंध भी बहुत पुराना और मजबूत है. लेकिन, इन दिनों नेपाल से सोयाबीन तेल के आयात को लेकर भारत परेशान है. दरअसल, नेपाल भारत को जितना सोयाबीन तेल निर्यात कर रहा है, असलियत में वहां उतने सोयाबीन का उत्पादन ही नहीं है. अब ऐसे में भारत सरकार और मार्केट एक्सपर्ट्स को डर है कि कहीं नेपाल भारत के टैरिफ छूट का फायदा उठाने के लिए सोयाबीन तेल में कोई खेल तो नहीं कर रहा.
एक साल में 14 गुना बढ़ गया आयात
वाणिज्य और उद्योग मंत्रालय के आंकड़ों से पता चलता है कि अप्रैल से नवंबर 2024 के बीच नेपाल से सोयाबीन तेल का आयात पिछले साल की तुलना में 14 गुना बढ़ गया है. हैरानी की बात यह है कि नेपाल सोयाबीन का मामूली उत्पादक है, लेकिन उसके सोयाबीन तेल का भारत को निर्यात तेजी से बढ़ रहा है.
इंडियन एक्सप्रेस की रिपोर्ट के अनुसार, अप्रैल से नवंबर 2024 में भारत का कुल सोयाबीन तेल आयात भी 19 फीसदी बढ़कर लगभग 3 अरब डॉलर हो गया, जो 2023 में 2.5 अरब डॉलर था. हालांकि, इस दौरान ब्राजील, जो सोयाबीन के सबसे बड़े उत्पादकों में से एक है, के निर्यात में गिरावट दर्ज की गई है.
क्या टैरिफ छूट का फायदा उठा रहा नेपाल
मार्केट एक्सपर्ट्स का मानना है कि यह आंकड़े दिखाते हैं कि नेपाल मूल नियमों (Rules of Origin) का उल्लंघन और टैरिफ अंतर (Tariff Arbitrage) का फायदा उठा रहा है. दरअसल, 2009 में नेपाल-भारत व्यापार समझौते के तहत नेपाल के उत्पादों को भारत में शुल्क-मुक्त (टैरिफ फ्री) कर दिया गया था. आंकड़े बताते हैं कि नेपाल को 30 फीसदी से ज्यादा टैरिफ लाभ मिलता है.
कस्टम ड्यूटी में बदलाव का असर
पिछले साल सितंबर में भारत ने सोयाबीन तेल, पाम ऑयल और सूरजमुखी तेल पर बेसिक कस्टम ड्यूटी में 20 फीसदी की वृद्धि की थी, जिससे कुल ड्यूटी 35.75 फीसदी हो गई. इसका मकसद भारतीय तिलहन किसानों की आय को सुरक्षित करना था. हालांकि, इस बदलाव के बाद नवंबर 2024 में सोयाबीन तेल का आयात बढ़कर 23.46 मिलियन डॉलर हो गया, जो 2023 में 1.42 मिलियन डॉलर था. अप्रैल से नवंबर 2024 के बीच कुल आयात 38.15 मिलियन डॉलर रहा, जो पिछले साल 2.81 मिलियन डॉलर था.
जबकि ब्राजील, जो सोयाबीन तेल का एक बड़ा उत्पादक है, से आयात अप्रैल से नवंबर 2024 के बीच 849.19 मिलियन डॉलर से गिरकर 549 मिलियन डॉलर रह गया. वहीं, चीन, जो सोयाबीन तेल का सबसे बड़ा निर्यातक है, भारत को सीधे एक्सपोर्ट नहीं करता है.
ये भी पढ़ें: Deposit Insurance: न्यू इंडिया को-ऑपरेटिव के एकाउंट होल्डर्स को डिपॉजिट इंश्योरेंस का सहारा, ऐसे दिलाएगा डूबता पैसा