National Pension System: नेशनल पेंशन सिस्टम (National Pension System) एक स्वैच्छिक पेंशन स्कीम है. इस स्कीम के तहत आप हर महीने पैसे जमा करते हैं. इसके बाद रिटायरमेंट के वक्त आपको एक बड़ी राशि मिलती है. इस स्कीम में निवेशक को कम से कम 20 साल तक लगातार निवेश करना जरूरी है. 60 वर्ष की उम्र तक निवेश करने के बाद आपको इसका रिटर्न मिलेगा. नेशनल पेंशन स्कीम लेने के बाद अगर किसी निवेशक की मृत्यु हो जाती है तो उसके नॉमिनी को पैसे दे दिए जाते हैं. NPS का डेथ क्लेम (NPS Death Claim) लेने के लिए केवल नॉमिनी ही हकदार है.


कई बार ऐसा देखा गया है कि एनपीएस का सब्सक्राइबर (NPS Subscribers) नॉमिनी नहीं चुनता है और उसकी मृत्यु हो जाती है. ऐसे में सबसे बड़ा सवाल यह उठता है कि क्या सब्सक्राइबर की मृत्यु के बाद कोई दूसरा व्यक्ति उसके नॉमिनी का चुनाव कर सकता है. इस मामले पर पेंशन फंड रेगुलेटरी एंड डेवलपमेंट अथॉरिटी (PFRDA) ने NPS से जुड़े कुछ अहम नियम बताए हैं.


क्या NPS सब्सक्राइबर की मृत्यु के बाद नॉमिनी किया जा सकता ऐड?


पीएफआरडीए ने 22 अक्टूबर को एक सर्कुलर जारी किया है. अपने नोटिफिकेशन में PFRDA ने कहा कि NPS स्कीम के तहत नॉमिनी (NPS Nominee) का चुनाव केवल एनपीएस सब्सक्राइबर्स ही कर सकता है. ऐसे में सब्सक्राइबर के जीवित रहते ही वह किसी का चुनाव नॉमिनी के रूप में कर सकता है. इसके बाद इस तरह का कोई चुनाव नहीं किया जा सकता है.


नॉमिनी न होने की स्थिति में क्या है नियम?


अगर सब्सक्राइबर की मृत्यु के बाद नॉमिनी को ऐड किया जाता है तो यह पूरी तरह से अमान्य है. अगर किसी व्यक्ति का नॉमिनी नहीं है तो ऐसी स्थिति में योजना के पैसे सब्सक्राइबर्स के कानूनी वारिस को दिया जाने का रूल है. इसके साथ ही सरकारी और प्राइवेट सेक्टर में काम करने वाले लोगों के पीएफ के नॉमिनी को भी NPS का क्लेम मिल सकता है. 


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