Bank Fraud: बैंकिंग सिस्टम में म्यूल अकाउंट बड़ी समस्या बन चुके हैं. साइबर क्राइम का हथियार बन चुके इन म्यूल अकाउंट पर रोकथाम के लिए आरबीआई ने भी कोशिश की है. डिजिटल बैंकिंग फ्रॉड पर बायोकैच की रिपोर्ट के अनुसार, वित्त वर्ष 2023 में 302 अरब रुपये के डॉक्युमेंटेड फ्रॉड हुए. साथ ही 13530 केस बैंकिंग सिस्टम में सामने आए. इस दौरान फ्रॉड केस में 49 फीसदी वृद्धि हुई. हालांकि, फ्रॉड में लिप्त राशि आधी हो गई. इस दौरान लोगों पर फिशिंग और मैलवेयर अटैक किए गए. साथ ही यूपीआई पेमेंट्स को भी निशाना बनाया गया. इसके अलावा इनवेस्टमेंट एवं पार्ट टाइम जॉब स्कैम, फर्जी अकाउंट और पहचान बदलकर लोगों को धोखा दिया गया.


कैसे किया जाता है यह फर्जीवाड़ा 


पार्ट टाइम जॉब और निवेश पर अच्छे रिटर्न का लालच देकर पीड़ित को कुछ पैसे उपलब्ध कराए जाते हैं. इसके बाद भरोसा हो जाने पर बड़ा निवेश करवाकर ये फर्जी लोग चंपत हो जाते हैं. इसके लिए म्यूल अकाउंट का इस्तेमाल किया जाता है. म्यूल उन बैंक अकाउंट को कहा जाता है, जिनमें अवैध गतिविधियों के पैसे आते हैं. फिर इन पैसों को कहीं और ट्रांसफर कर दिया जाता है. म्यूल अकाउंट ब्रिज की तरह मनी लॉन्ड्रिंग का काम करता है. बेंगलुरु में इस तरह के 126 अकाउंट हाल ही में पकड़े गए थे. इससे पता चलता है कि फ्रॉड इकोसिस्टम में म्यूल अकाउंट बड़ी समस्या बन गए हैं. 


फर्जी लिंक भेजकर लोगों को दिया गया धोखा 


रिपोर्ट के अनुसार, बैंक खातों की जानकारी निकालकर लोगों को चूना लगाया गया. इसके लिए लोगों को कोई फर्जी लिंक भेजकर उन्हें धोखा देकर क्लिक करवाया गया और अकाउंट से पैसे निकाल लिए गए. इसके लिए ईमेल और फोन कॉल का इस्तेमाल किया गया. कई बार लोगों ने नकली वेबसाइट के चक्कर में फंसकर भी अपना पैसा गंवा दिया. कई बार बैंकिंग जानकारियां जुटाकर लोगों के नाम पर कर्ज भी ले लिया गया. रिपोर्ट के मुताबिक, यह फर्जीवाड़ा बैंक कर्मचारी एवं पुलिस बनकर, निवेश के अवसर और पार्ट टाइम जॉब के नाम पर किया गया.  


आरबीआई ने रोकथाम के लिए बदले केवाईसी नियम 


म्यूल अकाउंट की बढ़ती समस्या को लेकर हाल ही में रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया (RBI) ने नो योर कस्टमर (KYC) के नियमों में बदलाव किए थे. इसका उद्देश्य म्यूल अकाउंट पर रोक लगाने का है. भारतीय बैंकिंग सिस्टम में म्यूल अकाउंट को रोकने के लिए तेजी से प्रयास किए जा रहे हैं. हालांकि, रिपोर्ट में दावा किया गया है कि फिलहाल 10 में से 9 म्यूल अकाउंट की ही पहचान हो पाई है. इनमें वीपीएन का बहुत कम इस्तेमाल हुआ. इससे पता चला है कि इनमें से ज्यादातर अकाउंट भारत के ही हैं. साथ ही ऐसे सबसे ज्यादा अकाउंट भुवनेश्वर में पाए गए.


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