8th Pay Commission: मोदी सरकार ने नेशनल पेंशन सिस्टम में सुधार किए जाने को लेकर वित्त सचिव की अध्यक्षता में चार सदस्यों की कमिटी के गठन का एलान कर दिया है. ऐसे में कयास लगाया जा रहा है कि मोदी सरकार आठवें वेतन आयोग के गठन को भी हरी झंडी दे सकती है. 2023 में ही 8वें वेतन आयोग का गठन किया जाना है. 2016 में जब सातवें वेतन आयोग की सिफारिशों को लागू किया गया था तब वेतन आयोग का गठन 2013 में ही किया गया था. हर 10 वर्ष के बाद नए वेतन आयोग की सिफारिशों को लागू किया जाता है. 


बीते वर्ष अगस्त 2022 में जब वित्त मंत्री से सवाल पूछा गया था कि क्या मोदी सरकार आठवें वेतन आयोग के गठन को भी हरी झंडी देगी. 2023 में ही वेतन आयोग का गठन किया जाना है. तब इस इस प्रश्न का जवाब देते हुए  वित्त राज्यमंत्री पंकज चौधरी ने कहा था कि सरकार के सामने 8वें वेतन आयोग के गठन का कोई प्रस्ताव नहीं है. वित्त राज्यमंत्री ने प्रश्नकाल के दौरान पूछे गए सवाल पर लिखित में ये जवाब दिया था. हालांकि ये इतना आसान भी नहीं है. क्योंकि जिस नेशनल पेंशन सिस्टम को लेकर मोदी सरकार टस से मस नहीं हो रही थी लोकसभा में वित्त विधेयक के पारित होने के दौरान वित्त मंत्री निर्मला सीतारामन ने ये एलान किया कि सरकारी कर्मचारियों के लिए नेशनल पेंशन सिस्टम को और बेहतर बनाने का फैसला किया गया है और उसके लिए उन्होंने वित्त सचिव की अध्यक्षता में कमिटी बनाने का उन्होंने निर्णय लिया है. वित्त मंत्री का ये निर्णय हैरान करने वाला था. 


2024 में होने वाला लोकसभा का चुनाव अब केवल एक साल दूर है और सरकारी कर्मचारियों का वोट सत्ताधारी दल के लिए बेहद मायने रखता है ऐसे में नेशनल पेंशन सिस्टम में सुधार किए जाने को लेकर कमिटी का गठन भी कर दिया गया है. ऐसे में माना जा रहा है कि मोदी सरकार आठवें वेतन आयोग के गठन को भी हरी झंडी दे सकती है. लोकसभा चुनाव से पहले सरकार वेतन आयोग का गठन ना कर सरकारी कर्मचारियों की नाराजगी नहीं मोल ले सकती है. विपक्षी दलें एनपीएस के समान इसे बड़ा चुनावी मुद्दा बना सकते हैं. नेशनल पेंशन स्कीम को लेकर केंद्र और विपक्षी दलों द्वारा शासित राज्यों के बीच पहले से ही घमासान छिड़ा हुआ था.  कांग्रेस शासित राज्य जैसे हिमाचल प्रदेश, राजस्थान, छतीसगढ़ जैसे राज्यों में पुरानी पेंशन स्कीम को फिर से बहाल कर दिया गया. जिसके बाद एनपीएस की समीक्षा करने का सरकार ने कमिटी का गठन किया है. इसलिए इस बात के कयास लगाये जा रहे है कि सरकार आठवें वेतन आयोग का भी गठन कर सकती है. 


आपको बता दें 1947 के बाद से कई वेतन आयोग का गठन किया जा चुका है. सरकार हर 10 वर्ष पर नए वेतन आयोग का गठन करती है. जिसकी सिफारिशों के आधार पर केंद्रीय कर्मचारियों के वेतन और पेंशनधारकों के पेंशन में बढ़ोतरी की जाती है. सातवें वेतन आयोग का गठन यूपीए सरकार द्वारा 24 फरवरी 2014 को किया गया था. 2006 और 2016 में  छठे और सातवें वेतन आयोग ने केंद्रीय कर्मचारियों के वेतन में बड़ी बढ़ोतरी की सिफारिश की गई थी और उसे सरकारों ने स्वीकार करते हुए सरकारी कर्मचारियों का वेतन भी बढ़ाया था. 


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