Costly Mobile Tariff in 2022: साल 2022 में सस्ते मोबाइल टैरिफ का दौर खत्म हो सकता है.  2022 में टेलीकॉम सेवा देने वाली कंपनियों के पोस्टपेड ग्राहकों को महंगे मोबाइल बिल का झटका लग सकता है. साल 2021 के खत्म होने के ठीक एक महीने पहले  प्रीपेड मोबाइल टैरिफ में 20 से 25 फीसदी तक बढ़ोतरी करने के बाद टेलीकॉम कंपनियां अब पोस्टपेड मोबाइल टैरिफ बढ़ाने की तैयारी में है. माना जा रहा है कि 2022 में 5जी सेवा के लिए स्पेक्ट्रम के लिए बोली लगाने खातिर पैसे जुटाने और वित्तीय सेहत में सुधार करने के लिये ये कंपनियां अब एक बार फिर मोबाइल टैरिफ बढ़ा सकती हैं और इसी बार नजर पोस्टपेड मोबाइल टैरिफ और डाटा रेट्पस पर है. 


प्रीपेड के बाद पोस्टपेड टैरिफ होगा महंगा!


टेलीकॉम जानकारों का मानना है कि प्रीपेड टैरिफ बढ़ाने के फैसले के बाद टेलीकॉम कंपनियां नए साल 2022 में पोस्टपेड टैरिफ बढ़ा सकती हैं. पोस्टपेड टैरिफ टेलीकॉम कंपनियां बढ़ाती भी है तो उनकी सेहत पर इसका कोई असर नहीं पड़ता. क्योंकि ग्राहकों के खोने का डर नहीं होता. पोस्टपेड सब्कक्राइबर्स जल्दी नंबर पोर्ट नहीं कराते. पोस्टपेड कस्टमर्स उन्हीं कंपनियों में पोस्टपेड कनेक्शन रखते हैं जिनकी सेवाओं पर उनका भरोसा होता है. हालांकि इसके मुकाबले प्रीपेड कस्टमर्स सबसे ज्यादा नंबर पोर्ट कराते हैं. 


ये भी पढ़ें: IPO in 2022: आईपीओ के लिए 2021 से भी शानदार रहेगा 2022, कंपनियां दो लाख करोड़ रुपये आईपीओ के जरिए जुटाने की तैयारी में


रेवेन्यू के लिहाज से पोस्टपेड ग्राहक महत्वपू्र्ण


टेलीकॉम कंपनियों के रेवेन्यू के लिहाज से पोस्टपेड सेंगमेंट बहुत मायने रखता है. एक्टिव सब्सक्राइबर्स में करीब 5 फीसदी हिस्सा पोस्टपेड ग्राहकों का है तो टेलीकॉम कंपनियों को 15 फीसदी रेवेन्यू पोस्टपेड सेगमेंट से ही आता है. करीब 50-60 फीसदी सब्सक्राइबर्स एंटरप्राइज कस्टमर्स हैं और 34 फीसदी पोस्टपेड सब्सक्राइबर्स देश के तीन मेट्रो शहरों में और 36 फीसदी ए-सर्किल से आते हैं. इससे पहले भारतीय एयरटेल ने जुलाई के महीने में कॉरपोरेट यूजर्स के लिये पोस्टपेड टैरिफ बढ़ाया था. पोस्टपेड ग्राहकों के मामले में 43 फीसदी मार्केट शेयर के साथ वोडाफोन आइडिया अव्वल नंबर पर है. भारती एयरटेल की इस सेग्मेंट में 28 फीसदी हिस्सेदारी है. 


ये भी पढ़ें: PM Kisan Maandhan Yojna: मोदी सरकार की ये योजना देती है किसानों को 36,000 रुपये की पेंशन, जानें इस स्कीम के डिटेल्स


भारत में टैरिफ है सबसे सस्ता


दरअसल जबरदस्त प्रतिस्पर्धा के चलते भारत में मोबाइल टैरिफ सबसे सस्ता है जिसका खामियाजा पूरे टेलीकॉम सेक्टर को उठाना पड़ा है. इसके चलते सरकार को टेलीकॉम कंपनियों को बेलआउट पैकेज भी देना पड़ा है. ऐसे में टेलीकॉम सर्विस प्रोवाइडर हर हाल में अपनी वित्तीय सेहत को सुधारना चाहते हैं. यही वजह है कि प्रीपेड टैरिफ के बढ़ने के बाद अब पोस्टपेड टैरिफ बढ़ने की संभावना बढ़ गई है.