कई बड़े उद्योगपति और कारोबारियों का ये तर्क है कि लोगों को हफ्ते में 70 घंटे काम करना चाहिए, जबकि माइक्रोसॉफ्ट के सह-संस्थापक बिल गेट्स का इस बारे में बिल्कुल अलग मानना है. वे मानते हैं कि अगले 10 वर्षों के दौरान लोगों को हफ्ते में सिर्फ दो दिन की काम करने की जरूरत होगी.  

बिल गेट्स के मुताबिक, आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (AI) हमारी अधिकतर नौकरियां ले लेगा और श्रम शक्ति की जरूरत काफी कम हो जाएगी. इसके साथ ही, लोगों के काम करने का तरीका भी पूरी तरह से बदल जाएगा.

उनकी ये भविष्यवाणी पारंपरिक सोच से बिल्कुल अलग है. साथ ही, उनकी इस भविष्यवाणी ने उत्पादकता, रोजगार और रोजाना की लोगों की जिंदगी में एआई की भूमिका को लेकर एक नई बहस छेड़ दी है. ऐसे में सवाल उठ रहा है कि क्या लोगों की नौकरियां की जगह एआई रिप्लेस करेगा?  

बिल गेट्स ने बताया कि साल 2022 में OpenAI की तरफ से ChatGPT के लाने के बाद लोगों की सोच और उनके काम को एआई ने बदल दिया है. आज एआई चैटबॉट्स जैसे- Gemini, Grok और DeepSeek का ज्यादा से ज्यादा इस्तेमाल किया जा रहा है. कई पेशेवर इन बातों से चिंतिंत है कि अलग-अलग उद्योगों में नौकरियां जा सकती है.

बिल गेट्स का तो यहां तक मानना है कि कुछ क्षेत्रों में एआई, लोगों से कहीं बेहतर परफॉर्म कर सकता है. हालांकि, हफ्ते में कुछ ही दिन काम करना का उनका ये आइडिया कोई नया नही है. साल 2023 में जब एआई के टूल ChatGPT पॉपुलर हुआ था, उस समय उन्होंने ये सलाह दी थी कि लोग हफ्ते में तीन दिन कम पर शिफ्ट हो सकते हैं.  

अब जबकि एआई तेजी के साथ डेवलप हो रहा है, उन्होंने ये दमदार भविष्यवाणी की है कि जल्द ही एआई रूटिन के काम करता हुआ दिखेगा, जैसे फैक्ट्रियों में, ट्रांसपोर्ट और खाद्यान्न उत्पादन में, जहां पर लोगों की जरूरत कम हो जाएगी. गेट्स हमेशा कहते रहे हैं कि उद्योग को बदलने की एआई में क्षमता है और हाल में उन्होंने अपने इस विजन को दोबारा द टू नाइट शो में रखा.

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