OpenAI Microsoft Deal: आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (एआई) ने आज पूरी दुनिया में अपना सिक्का जमाया है. एआई लगभग हर क्षेत्र में खुद को स्थापित कर रही है. जिससे पूरी दुनिया में कामकाज के रुप बदल रहे हैं. एआई का इस्तेमाल करने वालों की संख्या भी दिन प्रतिदिन बढ़ती ही जा रही हैं.

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चैटजीपीटी बनाने वाली ओपनएआई और पूरे विश्व में प्रसिद्ध माइक्रोसॉफ्ट कंपनी के बीच एक ऐतिहासिक समझौता हुआ है. ओपनएआई ने कंपनी का 27 प्रतिशत हिस्सेदारी माइक्रोसॉफ्ट को देने का फैसला लिया है. यह सौदा सिर्फ पैसों की लेन-देन तक ही सीमित नहीं रहेगा. इससे एआई के भविष्य की दिशा भी तय हो सकती है.  इस समझौते के तहत माइक्रोसॉफ्ट, 135 अरब डॉलर का भुगतान ओपनएआई को करेगी.

माइक्रोसॉफ्ट की क्या है योजना?

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इस समझौते के तहत माइक्रोसॉफ्ट ने ओपनएआई की 27 फीसदी हिस्सेदारी खरीदी है. जिसके लिए कंपनी करीब 135 अरब डॉलर का भुगतान करेगी.  हालांकि, माइक्रोसॉफ्ट की योजना यहीं तक सीमित नहीं रहेगी. कंपनी का ध्यान ओपनएआई के आर्टिफिशियल जनरल इंटेलिजेंस तक अपनी पहुंच बनाने की है. साल 2032 तक कंपनी को ओपनएआई के सभी आधुनिक तकनीकों का इस्तेमाल करने की भी इजाजत मिल जाएगी. 

ओपनएआई, एआई के नए अवतार आर्टिफिशियल जनरल इंटेलिजेंस पर काम कर रही है. इसे अब तक के सबसे अत्याधुनिक और उन्नत एआई तकनीक माना जा रहा है. इसकी मदद से ऐसी मशीनें बनाई जा सकती है, जो इंसानों की तरह ही समझ रखती हो. साथ ही उसमें नई चीजें सीखने के गुण भी हो. माइक्रोसॉफ्ट इस टेक्नोलॉजी के इस्तेमाल से भविष्य में कंपनी को नई दिशा देना चाहती है. इस सौदे की जानकारी मिलते ही, कंपनी के शेयरों में जबरदस्त उछाल देखने को मिली. कंपनी के शेयरों में 4.2 प्रतिशत की तेजी दर्ज की गई.

कंपनी में हो रहे बदलाव

कंपनी की जब शुरुआत हुई तो इसे गैर लाभकारी बताया गया था. मानवता की भलाई के लिए एआई के इस्तेमाल की बात कही गई थी. हालांकि, कंपनी को चलाने में लगने वाले तकनीकों पर हो रही खर्च को देखते हुए कंपनी अपने उद्देश्यों में बदलाव कर रही है.  

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