Medical Inflation in India: मेडिकल बिल पर औसत भारतीय की कमाई का एक बड़ा हिस्सा खर्च होता है. देश में इस साल महंगाई ने लोगों को जहां खूब परेशान किया है, वहीं बढ़ते मेडिकल बिल (Medical Bill) ने भी जनता की भारी आर्थिक संकट में डालने में कसर नहीं छोड़ी. एशिया में मेडिकल खर्च की महंगाई दर (Medical Inflation) सबसे ज्यादा भारत में देखी जा रही है. इंश्योरटेक कंपनी प्लम की 'कॉर्पोरेट इंडिया की स्वास्थ्य रिपोर्ट 2023' के अनुसार भारत में मेडिकल महंगाई दर 14 फीसदी तक पहुंच गई है. ऐसे में देश की आम जनता पर लगातार मेडिकल खर्चों का बोझ बढ़ रहा है.


हेल्थ इंश्योरेंस की पहुंच है बेहद कम-रिपोर्ट


लाइव मिंट में छपी रिपोर्ट के मुताबिक बढ़ते मेडिकल बिल के कारण कर्मचारियों पर अतिरिक्त वित्तीय दवाब पड़ा है. रिपोर्ट से यह भी पता चला है कि देश के 71 फीसदी कर्मचारी मेडिकल बिल का भुगतान खुद करते हैं और केवल 15 फीसदी ही ऐसी कंपनियां है जो कर्मचारियों को हेल्थ इंश्योरेंस का कवर देती हैं. रिपोर्ट ने यह भी दावा किया कि बढ़ते मेडिकल खर्चों के कारण 9 करोड़ से ज्यादा भारतीयों की जिंदगी पर असर पड़ा है और यह उनकी कमाई का 10 फीसदी से ज्यादा हिस्सा बीमारियों के इलाज के लिए खर्च होता है.


इससे पहले नीति आयोग ने अपनी रिपोर्ट में यह बताया है कि देश में नौकरीपेशा लोगों की संख्या साल 2030 में बढ़कर 56.9 करोड़ हो जाएगी. वहीं 2022 में इनकी संख्या केवल 52.2 करोड़ ही थी. ऐसे में नौकरीपेशा व्यक्तियों की संख्या में इजाफे के बाद भी देश में हेल्थ इंश्योरेंस कवर में इजाफा नहीं देखा जा रहा जो एक चिंताजनक स्थिति है.


युवाओं के बीच हेल्थ इंश्योरेंस को लेकर जागरुकता है कम


कंपनियों द्वारा प्रदान की जाने वाले हेल्थ इंश्योरेंस सुविधा को लेकर 20 से 30 साल के युवाओं के बीच बहुत जागरुकता बहुत कम है. वहीं 51 या उससे अधिक आयु के लोगों के बीच स्वास्थ्य बीमा ज्यादा खरीदते हैं. इसके साथ ही 42 फीसदी लोगों ने यह भी माना है कि कंपनी द्वारा प्रदान की जाने वाली हेल्थ इंश्योरेंस को कर्मचारियों के अनुकुल बनाने की जरूरत है. इस रिपोर्ट से यह भी पता चला है कि भारत में काम करने वाली केवल 15 फीसदी कंपनियां ही ऐसी हैं जो अपने कर्मचारी को हेल्थ इंश्योरेंस के साथ-साथ टेलीहेल्थ आदि जैसी कई सुविधाएं प्रदान करती है.


हेल्थ चेक अप कराने में भी है पीछे हैं भारतीय


'कॉर्पोरेट इंडिया की स्वास्थ्य रिपोर्ट 2023' की रिपोर्ट से यह भी पता चला है कि केवल हेल्थ इंश्योरेंस ही नहीं बल्कि देश के लोग हेल्थ चेक अप कराने के मामले में भी पीछे हैं. देश की 59 फीसदी ऐसे व्यक्ति हैं जो आपना सालाना हेल्थ चेकअप नहीं कराते हैं. वहीं 90 फीसदी ऐसे लोग हैं जो इपनी हेल्थ पर सही तरीके से ध्यान नहीं देते हैं. 


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