PMI Data: भारत की फैक्ट्री गतिविधियां पिछले चार महीनों में अप्रैल में सबसे तेज गति से दर्ज की गई हैं. मुख्य रूप से अच्छी ग्रोथ के आंकड़ों जैसे नए ऑर्डर और आउटपुट के आधार पर परचेजिंग मैन्यूफैक्चरिंग इंडेक्स के सर्वे में ये बात सामने आई है. देश का मैन्यूफैक्चरिंग पीएमआई अप्रैल में 57.2 पर रहा है जो कि इससे पिछले महीने यानी मार्च 2023 में 56.4 के लेवल पर रहा था. 

देश की आर्थिक तरक्की की रफ्तार तेज- मैन्यूफैक्चरिंग पीएमआई से मिला संकेत


एसएंडपी ग्लोबल द्वारा किए गए सर्वे से ये बात सामने आ रही है कि देश की आर्थिक तरक्की की रफ्तार तेज है और ये मौजूदा ग्लोबल चुनौतीपूर्ण माहौल में अच्छा संकेत है. कई अन्य देशों में धीमी आर्थिक विकास दर चिंता का सबब बन रही है पर भारत के लिए मैन्यूफैक्चरिंग पीएमआई में बढ़त को अच्छा लक्ष्ण माना जा सकता है.

एसएंडपी ग्लोबल का क्या है कहना



एसएंडपी ग्लोबल मार्केट इंटेलीजेंस की इकोनॉमिक्स एसोसिएट डाइरेक्टर पॉलिएना डी लीमा (Pollyanna De Lima) ने कहा कि मैन्यूफैक्चरिंग पीएमएआई का आंकड़ा इस बात का संकेत है कि नए ऑर्डर्स में बढ़त हो रही है और ये तेज रफ्तार से मिल रहे हैं. इसके आधार पर उत्पादन की वृद्धि दर अप्रैल में बेहतरीन रही है. कम कीमतों के दबाव से कंपनियों के ऊपर भी प्रेशर कम हुआ है और बेहतर इंटरनेशनल बिक्री से सप्लाई चेन की स्थिति में भी सुधार देखा गया है.



क्या है मैन्यूफैक्चरिंग पीएमआई?



मैन्यूफैक्चरिंग पीएमआई की संख्या अगर 50 से नीचे रहती है तो इसका मतलब होता है कि अर्थव्यवस्था कमजोर हो रही है. वहीं, 50 से ज्यादा आने का मतलब है कि देश की अर्थव्यवस्था में मजबूती है. देश के मैन्यूफैक्चरिंग सेक्टर ने वित्तवर्ष 2022-23 की अंतिम तिमाही में जोरदार प्रदर्शन किया है और इसका अंदाजा मार्च महीने की पीएमआई आंकड़े से लगाया गया था. अब इसके बाद वित्त वर्ष 2024 के पहले महीने में बेहतर मैन्यूफैक्चरिंग पीएमआई आना और खुशी की बात साबित हो सकती है.


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