2 Crore Claim: सड़क हादसे में दाहिना पैर गंवाने वाले एक व्यक्ति को 2 करोड़ रुपये मुआवजा मिलेगा. मोटर एक्सीडेंट क्लेम्स ट्रिब्यूनल (MACT) ने 2016 में हुए इस हादसे पर 7 साल लंबी कानूनी लड़ाई के बाद अपना फैसला सुनाया. अगर तय समय में मुआवजा नहीं दिया गया तो ब्याज सहित रकम देनी होगी. 


उल्टी दिशा में आ रहे एक टैंकर ने उन्हें रौंद दिया था 


मुंबई के भांडुप निवासी 53 साल के यह व्यक्ति एक एफएमसीजी कंपनी में डिप्टी जनरल मैनेजर (DGM) थे. उनकी तैनाती मध्य प्रदेश में थी. वह अपने एक मित्र के साथ कार से मध्य प्रदेश के ग्वालियर से दतिया जा रहे थे. टॉयलेट जाने के लिए उन्होंने नेशनल हाईवे पर एक ढाबे किनारे गाड़ी रोकी और पेशाब करने लगे. इसी बीच उल्टी दिशा में आ रहे एक टैंकर ने उन्हें रौंद दिया. इसके बाद उनका पैर काटना पड़ा था. 


ट्रिब्यूनल बोला, सौभाग्य है कि कंपनी ने नौकरी से नहीं निकाला   


फैसला सुनाते हुए ट्रिब्यूनल ने कहा कि यह बात सही है कि अपील करने वाले को हादसे के चलते कमाई का नुकसान नहीं हुआ. उनकी नौकरी चलती रही. मगर, ये तो उनका सौभाग्य है कि कंपनी ने नौकरी से नहीं निकाला. हालांकि, इस हादसे के चलते उनकी कमाने की क्षमता जरूर प्रभावित हुई. इस तथ्य को नजरअंदाज नहीं किया जा सकता. उनकी नौकरी की प्रकृति और उन्हें हो रही कठिनाइयों को ध्यान में रखना पड़ेगा. हम यह नहीं मान सकते कि उनकी कमाई की क्षमता प्रभावित नहीं हुई. पैर कटने के कारण अब वह उतनी मेहनत करने में सक्षम नहीं हैं. 


परिवार को भी मिलेंगे एक लाख 


ट्रिब्यूनल ने पीड़ित के परिवार को भी उनकी सेवाओं के लिए एक लाख रुपये देने का निर्देश दिया. उन्होंने कहा कि पीड़ित को अब लगातार किसी न किसी की मदद की जरूरत पड़ती है. वह सही से चलने-फिरने के लायक भी नहीं बचे हैं. साथ ही इलाज पर भी लगातार खर्च होता है. पीड़ित ने वाहन मालिक राकेश शर्मा और बीमा कंपनी ओरिएंटल इंश्योरेंस के खिलाफ यह मुकदमा किया था. मुआवजे का भुगतान बीमा कंपनी करेगी.


ये भी पढ़ें 


Alert from SBI : देश के सबसे बड़े बैंक ने 50 करोड़ कस्टमर को दी चेतावनी, इस फर्जी मैसेज का जवाब न दें