लक्ष्मी विलास बैंक की सभी शाखाएं अब डीबीएस बैंक इंडिया लिमिटेड की शाखाओं के तौर पर काम करेंगीं. लक्ष्मी विलास बैंक के ग्राहक शुक्रवार से अपने अकाउंट को डीबीएस बैंक के कस्टमर के तौर पर ऑपरेट कर सकेंगे. कैबिनेट ने बुधवार को लक्ष्मी विलास बैंक के विलय को डीबीएस बैंक में करने की मंजूरी दे दी. इसके कुछ घंटों बाद रिजर्व बैंक ने बयान जारी कर कहा कि यह विलय 27 नवंबर, 2020 से प्रभावी माना जाएगा.


अब पैसे निकालने पर कोई रोक नहीं लगेगी


सरकार ने कहा है कि अब डिपोजिटरों पर आगे पैसा निकालने पर कोई रोक नहीं होगी. इसके साथ ही 94 साल पुराने लक्ष्मी विलास बैंक का नाम खत्म हो जाएगा और इसकी इक्विटी भी पूरी तरह खत्म हो जाएगी. इस बैंक का पूरा डिपोजिट अब डीबीएस इंडिया के नाम हो जाएगा. दूसरी ओर, बेलआउट पैकेज के तहत लक्ष्मी विलास बैंक के डिपोजिटरों को उनका सारा पैसा दे दिया जाएगा. लक्ष्मी विलास बैंक के कर्मचारी अब डीबीएस बैंक के कर्मचारी होंगे. हालांकि इस पूरे मामले में लक्ष्मी विलास बैंक के शेयर होल्डरों को घाटा हुआ है.


भंग हो गया था लक्ष्मी विलास बैंक का बोर्ड 


इससे पहले सरकार ने 17 नवंबर को रिजर्व बैंक को मुश्किल से घिरे लक्ष्मी विलास बैंक पर 30 दिन की 'रोक' की सलाह दी थी. साथ ही हर डिपोजिटर के लिए 25,000 रुपये की निकासी की सीमा तय कर दी गई थी. इसके साथ ही रिजर्व बैंक ने कंपनी कानून, 2013 के तहत लक्ष्मी विलास बैंक और डीबीएस बैंक के विलय की योजना का मसौदा भी सार्वजनिक कर दिया था. केंद्रीय बैंक ने लक्ष्मी विलास बैंक के बोर्ड को भंग कर दिया था और केनरा बैंक के पूर्व गैर-कार्यकारी चेयरमैन टी एन मनोहरन को 30 दिन के लिए बैंक का प्रशासक नियुक्त किया था.


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