Kotak Mahindra: कोटक महिंद्रा म्यूचुअल फंड (एमएफ) ने MSCI इंडिया इंडेक्स पर नजर रखने वाला देश का पहला फंड लॉन्च किया है. इसे शेयर बाजार में लार्ज-कैप और मिड-कैप सेगमेंट की परफॉर्मेंस को मापने के लिए डिजाइन किया गया है. इस इंडेक्स में 156 कंपनियां शामिल है, भारतीय इक्विटी बाजार का लगभग 85 परसेंट कवर करता है. इसमें कई बड़ी-बड़ी भारतीय कंपनियां शामिल हैं. एमएससीआई  इनके द्वारा पेश की गई कुल इक्विटी का कम से कम 85 परसेंट प्रतिनिधित्व करती है. 

कोटक MSCI इंडिया ETF इनके लिए है बेहतर ऑप्शन

कोटक महिंद्रा एसेट मैनेजमेंट कंपनी के मैनेजिंग डायरेक्टर निलेश शाह ने मनीकंट्रोल से बात करते हुए कहा, कोटक MSCI इंडिया ETF देश या देश के बाहर के दोनों तरह के निवेशकों के लिए एक आदर्श विकल्प हो सकता है, जो लंबे समय तक टिकने की भारत की क्षमता पर यकीन करते हैं और इस अनोखे सफर का हिस्सा बनने के लिए तैयार हैं. 

सब्सक्रिप्शन के लिए खुला कोटक का NFO

कोटक ग्रुप की कंपनी कोटक महिंद्रा इंटरनेशल लिमिटेड (Kotak Mahindra International Limited) ने ग्लोबल इंवेस्टर्स की मदद करने के लिए कोटक एमएससीआई इंडिया ईटीएफ (Kotak MSCI India ETF) लॉन्च किया.  कोटक का यह न्यू फंड ऑफर (NFO) 29 जनवरी से सब्सक्रिप्शन के लिए खुल गया है.  निवेशक 12 फरवरी तक इस पर दांव लगा सकेंगे. 

एमएससीआई इंडिया इंडेक्स, सेंसेक्स या निफ्टी की तरह ही है. इंडेक्स में हर स्टॉक का एक भार होता है, जो कई चीजों पर निर्भर करता है. इसके तीन पैरामीटर हैं- वेशकों के लिए लाभांश रिटर्न, कंपनी का कुल कारोबार और उसका मार्केट कैपिटल. दिसंबर के अंत तक इस इंडेक्स के टॉप स्टॉक्स में एचडीएफसी बैंक (7.85 परसेंट), रिलायंस इंडस्ट्रीज (5.80 परसेंट), आईसीआईसीआई बैंक (5.24 परसेंट), इंफोसिस (4.90 परसेंट) और भारती एयरटेल (3.19 परसेंट) शामिल रहे. इसी के साथ टॉप सेक्टर्स में फाइनेंशियल्स (27.21 परसेंट), कन्ज्यूमर डिस्क्रिएश्नरी (13.12 परसेंट), इंफॉर्मेशन टेक्नोलॉजी (12.08 प्रतिशत), इंडस्ट्रियल्स (9.12 परसेंट) और एनर्जी (8.28 परसेंट) रहा. 

इंवेस्टर्स क्या करें? 

भारतीय निवेशकों के लिए इस इंडेक्स का मतलब होगा अपने पोर्टफोलियो को ग्लोबल इंवेस्टर्स के साथ जोड़ना, जो इसे विदेशी संस्थागत बिक्री के लिए अतिसंवेदनशील बनाता है. 2025 में अब तक विदेशी संस्थागत निवेशकों (fiis) ने 91,760 करोड़ रुपये के इक्विटी बेचे हैं, जिसने इन शेयरों पर दबाव डाला है. देश का ईटीएफ अपने इंवेस्टर्स को लेकर संवेदनशील रहता है. अगर ग्लोबल इंवेस्टर्स भारत से दूरी बनाते हैं, तो इससे फंड के वैल्यू में तेज गिरावट आती है. 

इधर फंड हाउस को उम्मीद है कि विदेशी संस्थागत निवेशकों की बिकवाली अब धीरे-धीरे कम होगी और एक बार फिर से ये भारतीय शेयर बाजार की ओर अपना रूख करेंगे. इससे शेयरों का परफॉर्मेंस भी जबरदस्त होगा. एक्सिओम फाइनेंशियल सर्विसेज के सीईओ दीपक छाबड़िया ने मनीकंट्रोल से बात करते हुए कहा, ''इंडेक्स में ऐसे शेयर शामिल होंगे जिनका लार्ज फ्लोट है और जिनमें FII का अच्छा इंवेस्टमेंट है. इन शेयरों पर अधिक नजर रखी जाती है और अधिकतर मामलों में कॉर्पोरेट गवर्नेंस मजबूत होता है. इनमें से कुछ में ADR (अमेरिकन डिपॉजिटरी रिसीट्स) भी लिस्टेड है. स्टॉक का यह पोर्टफोलियो उन स्टॉक पर फोकस करता है, जिनकी वैश्विक मान्यता है.'' 

यह उन निवेशकों के लिए एक बेहतर रास्ता हो सकता है, जो भारत की बढ़ती ग्रोथ और बाजार की संभावनाओं को जानने के इच्छुक हैं. ईटीएफ निवेशकों को व्यक्तिगत शेयरों में सीधे निवेश किए बिना संभावनाओं तक पहुंचने का एक आसान तरीका प्रदान करता है. 

डिस्क्लेमर: (यहां मुहैया जानकारी सिर्फ़ सूचना हेतु दी जा रही है. यहां बताना जरूरी है कि मार्केट में निवेश बाजार जोखिमों के अधीन है. निवेशक के तौर पर पैसा लगाने से पहले हमेशा एक्सपर्ट से सलाह लें. ABPLive.com की तरफ से किसी को भी पैसा लगाने की यहां कभी भी सलाह नहीं दी जाती है.)

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