Advance Tax News: फाइनेंशियल ईयर खत्म होने से पहले ही इनकम टैक्स डिपार्टमेंट के पास जमा कराए जाने वाले टैक्स को एडवांस टैक्स कहते हैं. यानी कि ये वह टैक्स है, जिसका भुगतान समय पर कर दिया जाता है. या यूं कहे कि जिस साल आप कमा रहे उसी साल टैक्स जमा करवाने को एडवांस टैक्स कहा जाता है. इसके तहत वित्तीय वर्ष के अंत में एकमुश्त राशि का भुगतान करने के स्थान पर आप पूरे साल किस्तों में टैक्स भर सकते हैं. इससे टैक्सपेयर्स पर भी बोझ नहीं पड़ता है और सरकार के रेवेन्यू में भी एक फ्लो बना रहता है.
इन्हें चुकाना पड़ता है एडवांस टैक्स
आयकर अधिनियम, 1961 की धारा 208 के अनुसार, एक साल में जिनकी कर देयता अनुमानित 10,000 रुपये या उससे अधिक हो उन्हें एडवांस टैक्स चुकाना पड़ता है. यह किसी एक व्यक्ति और बिजनेस दोनों पर लागू होता है. हालांकि, 60 साल या उससे अधिक आयु के लोग जिनकी कमाई का कोई सोर्स नहीं है, उन्हें एडवांस टैक्स भरने से छूट दी गई है.
एक साल में चार किश्तों में चुकाया जाता है एडवांस टैक्स
पहली किस्त (15 जून): कुल कर देयता का 15 परसेंट
दूसरी किस्त (15 सितंबर): कुल कर देयता का 45 परसेंट
तीसरी किस्त (15 दिसंबर): कुल कर देयता का 75 परसेंट
चौथी किस्त (15 मार्च): कुल कर देयता का 100 परसेंट
कैसे करें एडवांस टैक्स का भुगतान
- सबसे पहले इनकम टैक्स की ऑफिशियल वेबसाइट पर जाए
- अब क्विक लिंक्स टैब में जाकर 'e-pay'ऑप्शन को चुनें
- इसके बाद अपना पैन कार्ड नंबर और मोबाइल नंबर डालकर 'जारी रखें' पर क्लिक करें
- अब आपके रजिस्टर्ड मोबाइल नंबर पर एक OTP आएगा, जिसे दर्ज कर 'प्रोसीड' पर क्लिक करें
- अब इनकम टैक्स ऑप्शन को चुनकर अपना सारा डिटेल भरें, जैसे कि आकलन वर्ष, कॉन्टैक्ट डिटेल, बैंक डिटेल
- अब सिस्टम पेमेंट गेटवे पर आपको रीडायरेक्ट करेगा
- इसके बाद पेमेंट संबंधी अपना डिटेल भरकर ट्रांजैक्शन को पूरा करें
- आखिर में आपको एक चालान नंबर के साथ कंर्फेमेशन मिलेगा
- एडवांस टैक्स का कैलकुलेशन
सबसे पहले एक साल में अपने अनुमानित आय को जोड़े और फिर उस आधार पर टैक्स की राशि व एग्जम्पशन को घटाएं, इसके बाद जो अमाउंट निकलकर आएगा उसका भुगतान आपको एडवांस टैक्स के रूप में करना पड़ेगा. यानी कि (Estimated total income - Deductions - Exemptions = Taxable income). इसमें टैक्स करदाता के इनकम टैक्स स्लैब या कॉर्पोरेट टैक्स रेट के हिसाब से तय होता है.
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