नई दिल्लीः उत्तर प्रदेश के नोएडा जिले में हुए ऑनलाइन क्लिकिंग फ्रॉड के मामले से साफ पता चलता है कि जल्दी पैसा कमाने की चाहत कभी-कभी आपको मुसीबत में भी डाल सकती है. आपकी जल्दी और कम मेहनत में पैसा कमाने की चाह वित्तीय संकट में भी डाल सकती है.

फेसबुक और ट्विटर जैसे सोशल नेटवर्क को भी अपने विज्ञापन के मॉडलों में से एक के रूप में पेमेंट पर क्लिक मॉडल को दिखाते हैं और इसी तरह के मॉडल पर काम करने वाली अन्य वेबसाइट भी आपको घर बैठे केवल क्लिक करने के बदले पैसे देने का ऑफर देती है. इसी घर बैठे कमाई के मायाजाल में फंस कर लोग अपनी गाढ़ी मेहनत की कमाई खो बैठते हैं. लेकिन ज्यादातर मामलों में ऐसी वेबसाइट फर्जी ही निकलती हैं जो शुरुआत में भले ही पैसा दे पाएं लेकिन समय बीतने के साथ इनका मॉडल फेल होता दिखाई देता है.

आज हम आपको बताएंगे कि कैसे आप ऑनलाइन धोखाधड़ी के जाल से बच सकते हैं सबसे पहले जानिए कि ऑनलाइन फ्रॉड के लिए कंपनियां कैसे-कैसे शब्दों या ऑफर का इस्तेमाल करती हैं-

वेबसाइट को क्लिक करवाने के नाम पर घर बैठे पैसा देने का ऑफर.

लॉटरी पाने के नाम पर ईमेल के जरिये बैंक अकाउंट, पैन नंबर आदि की जानकारी.

नामी गिरामी कंपनियों के नाम पर ईमेल के जरिये नौकरी का ऑफर देना.

कलेक्टिव इनवेस्टमेंट स्कीम के नाम पर भारी रिटर्न का वादा.

इंश्योरेंस रेगुलेटरी अथॉरिटी (आईआरडीए) के नाम पर इंश्योरेंस पॉलिसी बेचना.

ऐसे बचें ऑनलाइन फ्रॉड के धोखे से

आपको सबसे पहले तो इसी बात से सचेत हो जाना चाहिए कि घर बैठे क्लिक करवाकर पैसे देने के बदले में अगर कोई आपके भारी रकम की मांग करता है. साफ तौर पर अगर क्लिक के बदले पैसे दिए जा रहे हैं तो उस कंपनी को आपसे पैसे की जरूरत क्यों होगी?

लॉटरी के नाम पर आपसे आपके बैंक खातों या कार्ड्स, पैन की डिटेल क्यों मांगी जा रही है? सिर्फ अकाउंट नंबर और आईएफएससी कोड और खाते का प्रकार बताकर आपको पैसे ट्रांसफर हो सकते हैं.

कलेक्टिव स्कीमों के जरिए पैसा बनवाने वालों के पास अपने कारोबार के वैध होने का कोई सबूत नहीं होता है.

आईआरडीए कभी भी खुल कोई पॉलिसी बेचने या प्रमोशन के लिए कॉल नहीं कर सकता है.