Jio Financial Services: जिओ फाइनेंशियल सर्विसेज और ब्लैकरॉक ने मिलकर काम करने का फैसला किया है. दोनों कंपनियां मिलकर 50-50 फीसदी हिस्सेदारी का ज्वॉइंट वेंचर बनाएंगी. यह जेवी वेल्थ मैनेजमेंट और ब्रोकरेज बिजनेस में काम करेगा. इस जेवी में जिओ फाइनेंशियल सर्विसेज (Jio Financial Services) और ब्लैकरॉक इंक (BlackRock Inc) एवं ब्लैकरॉक एडवाइजर्स सिंगापुर पीटीई शामिल होंगे. इस ज्वॉइंट वेंचर की घोषणा सोमवार को की गई.


वेल्थ मैनेजमेंट और ब्रोकरेज का काम करेंगे 


जिओ फाइनेंशियल सर्विसेज ने स्टॉक एक्सचेंज फाइलिंग में बताया कि नई कंपनी वेल्थ मैनेजमेंट और ब्रोकरेज कंपनी की तरह काम करेगी. जेएफएस के अनुसार, इस पार्टनरशिप की नींव 26 जुलाई, 2023 को ही रख दी गई थी. यह ज्वॉइंट वेंचर एसेट मैनेजमेंट इंडस्ट्री में बदलाव लाने का काम करेगा. हम कस्टमर्स को इनवेस्टमेंट के अलग-अलग तरीके उपलब्ध कराने की कोशिश करेंगे. इसकी लिए हम डिजिटल उत्पादों को बनाने पर ध्यान देंगे. वेल्थ मैनेजमेंट और ब्रोकरेज बिजनेस की लॉन्चिंग रेगुलेटरी मंजूरी पर निर्भर करेगी. सोमवार को जिओ फाइनेंशियल सर्विसेज के शेयर बीएसई पर लगभग 4.82 फीसदी नीचे गिरकर 354.40 रुपये पर बंद हुए थे.


म्युचुअल फंड लाइसेंस का हो रहा इंतजार  


मुकेश अंबानी (Mukesh Ambani) के रिलायंस ग्रुप (Reliance Group) के स्वामित्व वाली जिओ फाइनेंशियल सर्विसेज ने बताया कि फिलहाल उन्हें मार्केट रेगुलेटर सेबी (SEBI) से म्युचुअल फंड लाइसेंस की मंजूरी का भी इंतजार है. इससे पहले ब्लैकरॉक एपीएसी के प्रमुख रेचल लॉर्ड ने कहा था कि भारत हमारे लिए एक बहुत बड़ा अवसर है. देश की आबादी और यहां हो रहे डिजिटल बदलाव का हिस्सा हम भी बनना चाहते हैं. यहां करोड़ों निवेशक हैं. यहां हम जिओ फाइनेंशियल सर्विसेज के साथ पार्टनरशिप को लेकर बेहद उत्साहित हैं. यह ज्वॉइंट वेंचर एसेट मैनेजमेंट इंडस्ट्री और फाइनेंशियल फ्यूचर्स में बड़े बदलाव करेगा.


रिलायंस से अलग हो चुकी है जियो फाइनेंशियल


जियो फाइनेंशियल सर्विसेज एक वित्तीय सेवा प्रदान करने वाली कंपनी है. यह पहले रिलायंस इंडस्ट्रीज की सब्सिडियरी थी. यह अगस्त, 2023 में भारतीय शेयर बाजार में पंजीकृत हुई थी. यह कंपनी पेमेंट सोल्यूशंस और बीमा प्रदान करती है. ब्लैकरॉक इंक एक अमेरिकी इनवेस्टमेंट एमएनसी है. यह दुनिया की सबसे बड़ी एसेट मैनेजमेंट कंपनी है. 31 दिसंबर, 2023 तक कंपनी के एयूएम लगभग 10 ट्रिलियन डॉलर था. 


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