ITR Filing: शेयर बाजार के ट्रांजेक्शन से होने वाली इनकम पर या तो "पूंजीगत लाभ" या "व्यापार और पेशे के लाभ" के तहत टैक्स लगाया जा सकता है. यह इस बात पर निर्भर करता है कि ट्रांजेक्शन, निवेश के रूप में किया गया है या व्यावसायिक गतिविधि के रूप में. इस पर बिजनेस इनकम या पूंजीगत लाभ के रूप में कर लगाया जाएगा या नहीं, यह विभिन्न कारकों पर निर्भर करेगा, जैसे कि निवेश की औसत होल्डिंग अवधि, निवेश किए गए धन का स्रोत, ट्रांजेक्शन की मात्रा, निवेश करने के पीछे का इरादा आदि. यह केवल प्रत्येक मामले के तथ्यों के आधार पर तय किया जा सकता है .
शेयर्स में इंट्राडे ट्रांजेक्शन (जहां ट्रांजेक्शन को वास्तविक वितरण के बिना चुकता किया जाता है) को एक सट्टा ट्रांजेक्शन के रूप में माना जाता है और इंट्राडे ट्रांजेक्शन पर होने वाली किसी भी हानि को केवल किसी अन्य सट्टा ट्रांजेक्शन के खिलाफ एडजस्ट किया जा सकता है चाहे वह कमोडिटी पर हो या शेयर्स पर. इसे आपकी नियमित व्यावसायिक गतिविधियों से होने वाले लाभ के विरुद्ध एडजस्ट नहीं किया जा सकता है.
इंट्राडे ट्रांजेक्शनशेयर्स में इंट्राडे ट्रांजेक्शन के अलावा किसी भी नुकसान को आपकी सैलरी इनकम के अलावा किसी अन्य सोर्स से आय के खिलाफ सेट किया जा सकता है, अगर ऐसे ट्रांजेक्शन को व्यवसाय के रूप में माना जाता है न कि निवेश के रूप में.
यदि ट्रांजेक्शन को निवेश के रूप में माना जाता है तो ऐसे ट्रांजेक्शन से होने वाली किसी भी हानि को केवल पूंजीगत लाभ के विरुद्ध एडजस्ट किया जा सकता है, किसी अन्य सोर्स के विरुद्ध एडजस्ट नहीं किया जा सकता है.
इसलिए "पूंजीगत लाभ" और "व्यवसाय या पेशे के लाभ " दोनों के तहत आपके शेयर ट्रांजेक्शन से आपके द्वारा किए गए किसी भी नुकसान को चालू वर्ष के दौरान आपकी सेलरी इनकम के खिलाफ सेट नहीं किया जा सकता है.
हालांकि, दोनों सोर्स के तहत कोई भी नुकसान जिसे वर्ष के दौरान सेट ऑफ नहीं किया जा सकता है, को निर्धारित अवधि के लिए एक ही सोर्स के तहत आय के खिलाफ सेट ऑफ के लिए आगे ले जाने की अनुमति है.
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