नई दिल्ली: इनकम टैक्स डिपार्टमेंट ने आज कहा कि लगभग 14,000 ऐसी संपत्तियां जांच के दायरे में हैं जिनके मालिकों ने आयकर रिटर्न दाखिल नहीं किया है. इन संपत्तियों में प्रत्येक की कीमत एक करोड़ रुपये से ज्यादा है. आयकर विभाग ने कहा कि नोटबंदी के बाद 13.33 लाख खातों में जमा किया गया 2.89 लाख करोड़ रुपये का कैश डिपॉजिट जांच के घेरे में है. ये कैश डिपॉजिट कुल 9.72 लाख लोगों ने किया है.


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  • ‘ऑपरेशन क्लीन मनी’ 31 जनवरी को शुरु किया गया था. इसका मकसद नोटबंदी के बाद बड़ी मात्रा में कैश जमा करने वालों की जांच कर उसका आकलन और मिलान उनके पुराने आयकर रिटर्न के अनुसार करना था.

  • विभाग ने कहा कि 15,496 करोड़ रुपये को अघोषित आय के तौर पर स्वीकार किया गया जबकि छापों में 13,920 करोड़ रुपये जब्त किए गए.

  • ‘ऑपरेशन क्लीन मनी’ के पहले चरण में डाटा का आकलन कर 18 लाख ऐसे संदिग्ध खातों की पहचान की गई जिनमें नकद लेनदेन जमा करने वाले की टैक्स जानकारियों से मेल नहीं खाता था.

  • आयकर विभाग का बयान सरकार के नोटबंदी के बचाव का पक्ष लेता है. कल भारतीय रिजर्व बैंक के आंकड़ों में यह बात सामने आई थी कि बंद की गई 15.44 लाख करोड़ रुपये की करेंसी में से 15.28 लाख करोड़ रुपये बैंकिंग प्रणाली में वापस आ गए हैं.


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डाटा एनालिसिस का उपयोग कर 9.72 लाख लोगों के 13.33 लाख खातों का पता किया गया जिनमें अनियमित तौर पर करीब 2.89 लाख करोड़ रुपये की नकदी जमा करायी गई. इनकी पहचान कर इनसे जवाब मांगा गया. हालांकि बयान में यह नहीं बताया गया कि इसमें कितना धन सही है और कितना अघोषित आय का हिस्सा है. साथ ही यह भी नहीं बताया गया कि अघोषित धन पर कितना टैक्स कलेक्शन किया गया है.



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