नई दिल्लीः कोरोनावायरस संक्रमण ने भारत समेत पूरी दुनिया की अर्थव्यवस्था को संकट में डाल दिया है. यह अनिश्चितता का दौर है. हालात कब तक सुधरेंगे, कहना मुश्किल है. लेकिन ऐसे अनिश्चित दौर में आपको यह देख कर अचरज हो रहा होगा कि सोना यानी गोल्ड लगातार महंगा होता जा रहा है. पिछले महीने की शुरुआत में तो इसने 48 हजार रुपये (प्रति दस ग्राम) का लेवल छू लिया था.
आपको लग रहा होगा जब लोगों की नौकरियां जा रही हों, बेरोजगारी चरम पर हो और अर्थव्यवस्था में रिकवरी की उम्मीदें कम हों तो लोग गोल्ड में निवेश क्यों कर रहे हैं?
सोने की यही तो खासियत है. इसे सदाबहार निवेश माना जाता है. हाई लिक्विडटी और महंगाई को मात करने की क्षमता की वजह से यह भारतीयों का पसंदीदा निवेश बना हुआ है. भारत दुनिया भर में सोने का दूसरा बड़ा कंज्यूमर भी है.
सोने की कीमत भले ही थोड़े वक्त के लिए घट जाए लेकिन बहुत जल्दी यह अपनी पिछली कीमत के स्तर को पार कर जाता है. इसलिए गोल्ड में निवेश बेहतरीन और निश्चित रिटर्न की गारंटी माना जाता है.
क्यों करें गोल्ड में निवेश ?
गोल्ड में निवेश सेफ है. लिक्विडिटी और रिटर्न की दृष्टि से यह बेहतरीन है. यानी इसे कभी भी बेच कर इसमें लगाया पैसा रिकवर कर सकते हैं. इसके अलावा रिटर्न के मामले में भी यह बेहतरीन निवेश साबित हुआ. इसकी कीमतों में लगातार बढ़ोतरी इसे एक बेहतरीन निवेश इंस्ट्रूमेंट बनाता है.
महंगाई को मात करने की क्षमता
यह माना जाता है कि आपको ऐसे इंस्ट्रूमेंट में निवेश करना चाहिए, जिसका रिटर्न महंगाई दर से ज्यादा हो. सोना इस पर खरा उतरा है. पिछले कई सालों से सोने की कीमतें महंगाई को मात करती रही हैं. यही वजह है महंगा होते जाने के बावजूद गोल्ड की मांग घटी नहीं है. शेयरों में निवेश का बेहतरीन विकल्प
जब शेयर बाजार गिरा हुआ हो. अच्छा रिटर्न नहीं दे रहा तो निवेशकों का सहारा गोल्ड ही बनता है. दरअसल शेयर बाजार और गोल्ड का रिश्ता उल्टा है. जब बाजार गिरता है तो गोल्ड की कीमतें बढ़ती है. निवेशकों को अपने निवेश का एक हिस्सा हमेशा सोने में निवेश के लिए सुरक्षित रखना चाहिए. यह उनके निवेश को सुरक्षा देने में अहम भूमिका अदा करता है.
अच्छे रिटर्न के लिए गोल्ड ईटीएफ और गोल्ड फंड में करें निवेश
फिजिकल गोल्ड खरीदने से अच्छा है कि आप गोल्ड ईटीएफ (एक्सचेंज ट्रेडेड फंड या गोल्ड फंड में निवेश करें. इससे एक तो सोने को सुरक्षित रखने का जोखिम खत्म हो जाता है और दूसरे ज्वैलरी वगैरह बनवाने के दौरान ज्वैलर्स की कटौती से आप बच जाते हैं. गोल्ड ईटीएफ में निवेश करना फिजिकल गोल्ड खरीदने जैसा ही है. इसके लिए डीमैट अकाउंट का होना जरूरी है. जबकि गोल्ड फंड में निवेश गोल्ड माइनिंग कंपनी में लगता है. सोने की कीमत में परिवर्तन गोल्ड फंड को सीधे तौर पर प्रभावित नहीं करता है.
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