Infosys Windfall Gain: देश की दूसरी सबसे बड़ी सॉफ्टवेयर कंपनी इंफोसिस (Infosys) को 6329 करोड़ रुपये टैक्स रिफंड के रूप में मिले हैं. इंफोसिस को यह बड़ी रकम वित्त वर्ष 2023-24 की चौथी तिमाही में मिली है. यह टैक्स रिफंड 11 सालों का है. इसके अलावा कंपनी को वित्त वर्ष 2022-23 में 2763 करोड़ रुपये की टैक्स डिमांड भी मिली है. 


11 असेसमेंट ईयर के लिए मिला रिफंड 


इंफोसिस ने रेगुलेटरी फाइलिंग में जानकारी दी है कि 11 असेसमेंट ईयर के लिए इनकम टैक्स रिफंड के रूप में 6329 करोड़ रुपये का विंडफॉल गेन हुआ है. इसके अलावा कंपनी की कई सब्सिडियरी को भी टैक्स और रिफंड ऑर्डर मिले हैं. इससे कंपनी की वित्तीय स्थिति पर प्रभाव पड़ा है. इस रिफंड में ब्याज भी शामिल है. यह रिफंड वित्त वर्ष 2007-08 से 2018-19 के लिए मिला है. इसमें वित्त वर्ष 2016-17 का रिफंड शामिल नहीं है. इसके अलावा इनकम टैक्स डिपार्टमेंट ने असेसमेंट ईयर 2022-23 के लिए कंपनी को 2763 करोड़ रुपये का टैक्स नोटिस भेजा है.


वित्त वर्ष के नतीजों पर पड़ेगा असर 


इंफोसिस ने कहा कि फिलहाल इन सभी आदेशों के असर का आकलन किया जा रहा है. हम पता लगाने में जुटे हुए हैं कि इस तिमाही और 31 मार्च को खत्म हो रहे वित्त वर्ष के नतीजों पर इन आदेशों का क्या असर पड़ेगा. इसके अलावा इंफोसिस को असेसमेंट ईयर 2011-12 के लिए भी 4 करोड़ रुपये का टैक्स डिमांड नोटिस मिला है. इसमें ब्याज भी शामिल है. कंपनी की कुछ सब्सिडियरी को भी ऐसे ही आदेश मिले हैं. 


9 महीनों में टैक्स खर्च 7474 करोड़ रुपये रहा


कंपनी ने बताया था कि वित्त वर्ष 2023 में उसका इनकम टैक्स खर्च 9,214 करोड़ रुपये रहा था. इसके पिछले वित्त वर्ष में यही आंकड़ा 7,964 करोड़ रुपये रहा था. इंफोसिस की सब्सिडियरी कंपनियों को भी असेसमेंट ईयर 2022-23 और 2018-19 के लिए 145 करोड़ रुपये के टैक्स नोटिस मिले हैं. यह सभी आदेश इनकम टैक्स एक्ट 1961 के तहत भेजे गए हैं. दिसंबर, 2023 में खत्म हुए 9 महीने के दौरान इंफोसिस का कुल टैक्स खर्च 7,474 करोड़ रुपये रहा था.


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