बेसिक मेटल, फार्मास्यूटिकल्स और पेट्रोकेमिकल सेक्टर के उत्पादन में इजाफे के दम पर देश में मैन्यूफैक्चरिंग सेक्टर में रफ्तार दिखाई देने लगी है. इन सेक्टर की बदौलत 2020 में औद्योगिक उत्पादन सूचकांक यानी IIP पॉजिटिव जोन में पहुंच गया. जबकि नवंबर में IIP में 1.9 फीसदी की गिरावट दर्ज हुई थी. सितंबर और अक्टूबर (2020) में लगातार छह महीनों की गिरावट के बाद औद्योगिक उत्पादन में बढ़त दर्ज की गई थी.


माइनिंग में भारी गिरावट 


NSO के आंकड़ों के मुताबिक दिसंबर (2020) के इंडेक्स IIP दिसंबर में 1 फीसदी बढ़ा है. जबकि इससे पहले नवंबर में इसकी ग्रोथ -1.9 फीसदी थी. मैन्यूफैक्चरिंग आउटपुट ग्रोथ 1.6 फीसदी रही जबकि खनन यानी Mining प्रोडक्शन में गिरावट आई और यह -4.8 फीसदी रही. कैपिटल गुड्स में सिर्फ 0.6 फीसदी बढ़त दर्ज की गई, जबकि कंज्यूमर ड्यूरेबल्स में 4.6 फीसदी की तेजी दर्ज की गई.


मौजूदा वित्त वर्ष में सिर्फ तीन महीने बढ़ा आईआईपी 


मौजूदा वित्त वर्ष में अब तक सिर्फ तीन महीनों में ही औद्योगिक गतिविधियों में बढ़त दर्ज हो सकी है. सितंबर में छह महीने के अंतराल के बाद फैक्ट्री उत्पादन में बढ़ोतरी हुई थी. यह बढ़त फेस्टिवल सीजन की मांग की वजह से आई थी. माना जा रहा था मैन्यूफैक्चरिंग सेक्टर कोविड-19 के असर से बाहर निकल गया है लेकिन नवंबर में इसमें फिर गिरावट दर्ज की गई और यह नकारात्मक हो गया. हालांकि दिसंबर (2020) में इसमें मामूली बढ़त हुई और इसमें एक फीसदी की बढ़ोतरी दर्ज की गई.


आईआईपी में अभी नहीं दिख रही तेज ग्रोथ की उम्मीद 


विश्लेषकों का मानना है कि औद्योगिक गतिविधियों में अभी पूरी रिकवरी नहीं आई थी. दरअसल, सितंबर और अक्टूबर में आईआईपी में जो बढ़ोतरी दिखी थी, वह फेस्टिवल सीजन में बढ़ी मांग की वजह से थी. हालांकि दिसंबर में आईआईपी में आई मामूली बढ़ोतरी से अब आगे इसमें उम्मीद दिख रही है.


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