IndiGo Crisis: देश की जानी-मानी एयरलाइन कंपनी इंडिगो बड़े संकट का सामना कर रही है. बीते 5 दिनों में 2000 से ज्यादा फ्लाइट्स रद्द हो चुकी है. जिससे पूरे देश में यात्रियों को परेशानी का सामना करना पड़ रहा है. बहुत से यात्री एयरपोर्ट पर फंस गए हैं.

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इंडिगो घरेलू उड़ान का करीब 60 फीसदी हिस्सेदारी खुद के पास रखती है. जिसके कारण बहुत से यात्रियों को इससे प्रभाव पड़ा हैं. कई लोग अपने जरूरी काम के लिए समय पर नहीं पहुंच पा रहे हैं. आखिरकार इस संकट की वजह क्या है? अचानक से ऐसा क्या हुआ कि, इंडिगो का पूरा सिस्टम ही धराशाही हो गया. आइए जानते हैं इसकी शुरुआत कैसे हुई और अभी कैसे हैं हालात?

इंडिगो संकट की शुरुआत

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पिछले कुछ दिनों से इंडिगो छोटी तकनीकी खराबियों का सामना कर रही थी. साथ ही फ्लाइट भी लेट हो रहे थे. एयरलाइन कंपनी इसके लिए खराब मौसम को जिम्मेदार ठहरा रही थी. हालांकि, इस संकट की शुरुआत तब हुई, जब सरकार ने फ्लाइट ड्यूटी टाइम लिमिटेशन (FDTL) के नए नियम लागू करने का फैसला लिया.

जिसके तहत पायलटों को अत्यधिक थकान से बचाना था. लेकिन एयरलाइन कंपनी पहले से ही स्टाफ की कमी झेल रही थी. नए नियमों से उनपर दबाव बड़ गया. जिससे कई फ्लाइट रद्द की गई.

नए सरकारी नियम से कंपनी पर दबाव बड़ गया

सरकार के फ्लाइट ड्यूटी टाइम लिमिटेशन (FDTL) लागू करने से इंडिगो को अपने पायलटों को आराम देना पड़ा. कंपनी में पहले ही स्टाफ की कमी थी. जिससे पूरा सिस्टम की चरमरा गया. कंपनी ने कई उड़ाने रद्द कर दी. जिससे यह समस्या और बड़ी हो गई.

इंडिगो का बड़ा नेटवर्क भी बना परेशानी की वजह

देश की सबसे बड़ी एयरलाइन होना इस बार इंडिगो के लिए ही भारी पड़ गया. इतने विशाल नेटवर्क में जब एक चीज कमजोर हुई, तो उसका असर पूरे ऑपरेशन पर दिखने लगा. हजारों क्रू मेंबर, कई एयरपोर्ट और रोज चलने वाली 2,000 से ज्यादा फ्लाइट्स सब पर एक साथ दबाव आ गया. जिसके कारण और ज्यादा हालात खराब हो गए. 

एयरबस A320 की चेतावनी ने बदले हालात 

एयरलाइन कंपनी को एयरबस 320 की तरफ से सुरक्षा अलर्ट आए. जिसके तहत रात 12 बजे के बाद उड़ानों को रद्द करना पड़ा. जिसके कारण अचानक से कई फ्लाइट्स कैंसिल हो गई. जिससे पूरी व्यवस्था में खराबी आई और हजारों यात्रियों पर इसका प्रभाव पड़ा.

DGCA के फैसले से मिली इंडिगो को थोड़ी राहत

बढ़ते विवाद और दबाव के बीच DGCA ने बड़ा यू-टर्न लेते हुए वह नियम वापस ले लिया, जिसमें पायलटों को हफ्ते का आराम छुट्टी से बदलने की अनुमति नहीं थी. इस बदलाव से एयरलाइन कंपनी को ऑपरेशन स्थिर करने में मदद मिल सकती है.  यह भी पढ़ें: बार-बार लोन रिजेक्ट हो रहा? वजह हो सकती है आपका लो सिबिल स्कोर! जानें इसे कैसे सुधारें