Tata Consultancy Services: देश की सबसे बड़ी आईटी सर्विस प्रोवाइडर कंपनी टाटा कंसल्टेंसी सर्विसेज लिमिटेड (TCS) के दिन आजकल कुछ ठीक नहीं चल रहे हैं. गुरुवार, 25 सितंबर को टीसीएस के शेयर 52-हफ्तों के लो लेवल के करीब आ गए. अमेरिका में राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप की तरफ से H-1B वीजा को लेकर नये नियमों के चलते भारतीय आईटी कंपनियों का बुरा हाल है. इन कंपनियों के मार्केट कैप को लगभग 2 लाख करोड़ का नुकसान हुआ है.

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टीसीएस के शेयरों में भारी गिरावट 

पिछले साल 13 दिसंबर टीसीएस के शेयर 4,494 रुपये के रिकॉर्ड हाई लेवल पर पहुंच गए थे. तब से इसमें 35 परसेंट तक की गिरावट आ चुकी है. बीते कुछ दिनों में निफ्टी आईटी इंडेक्स पर यह सबसे खराब परफॉर्मेंस करने वाला शेयर रहा. आलम यह है कि चार्ट पर टीसीएस ओवरसोल्ड जोन के करीब पहुंच रही है, जिसका रिलेटिव स्ट्रेंथ इंडेक्स (RSI) 32 के लेवल पर है. 30 से नीचे RSI रीडिंग का मतलब है कि शेयर 'ओवरसोल्ड' जोन में है. टीसीएस के बाद HCLTech के शेयरों में अब तक 27 परसेंट तक की गिरावट आ चुकी है. 

इन कंपनियों के भी शेयर गिरे

इकोनॉमिक टाइम्स की रिपोर्ट के मुताबिक, बीते 11  महीनों में टीसीएस के शेयरों में 29 परसेंट तक की गिरावट आ चुकी है और यह अब भी जारी है. इससे कंपनी के मार्केट कैप को 4.5 लाख करोड़ रुपये का नुकसान हुआ है. कल गुरुवार, 25 सितंबर तक टीसीएस का मार्केट कैप 10,70,013 करोड़ रुपये रहा. इतनी बड़ी गिरावट होने के बावजूद भी यह अभी भी देश की सबसे बड़ी आईटी कंपनी के अपने पोजीशन पर बनी हुई है. टीसीएस के बाद पर्सिस्टेंट सिस्टम्स और HCL Tech के शेयर लगभग 2 परसेंट तक गिर चुके हैं, जबकि विप्रो और कोफोर्ज के शेयरों में 1 परसेंट से अधिक की गिरावट आई है. इन्फोसिस, एम्फैसिस और टेक महिंद्रा के शेयरों में भी लगभग 1 परसेंट की गिरावट आई है, जबकि एलटीआईमाइंडट्री के शेयर मामूली गिरावट के साथ लाल निशान पर कारोबार कर रहे थे. 

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क्या है ट्रंप का नया फरमान? 

ट्रंप ने हाल ही में H-1B वीजा के लिए फीस को बढ़ाकर 100,000 डॉलर कर दिया. पिछले साल अमेरिकी कंपनियों की तरफ से सबसे ज्यादा  H-1B वीजा भारतीयों को जारी किए गए. टोटल इश्यू किए गए  H-1B वीजा में अकेले भारत की हिस्सेदारी  71 परसेंट थी, जबकि चीन 11.7 दूसरे स्थान पर रहा. ट्रंप के H-1B वीजा की फीस बढ़ाने का सबसे ज्यादा असर आईटी कंपनियों पर पड़ा है क्योंकि भारतीय आईटी कंपनियों के लिए अमेरिका का बाजार काफी महत्वपूर्ण है.

अब फीस बढ़ने से अमेरिकी आईटी मार्केट में क्लाइंट पर किए जा रहे खर्च में कमी आ सकती है. इससे भारतीय कंपनियों की लागत बढ़ सकती है. फीस बढ़ाने के साथ ट्रंप ने H-1B वीजा के अलॉटमेंट के लिए लॉटरी सिस्टम को भी खत्म करने का प्रस्ताव रखा है और इसे वेज-बेस्ड सिलेक्शन प्रॉसेस के साथ रिप्लेस करने का सुझाव दिया है. यानी कि वीजा इश्यू करते वक्त उन विदेशी कामगारों को प्राथमिकता दी जाएगी, जिन्हें अधिक सैलरी देने वाले एम्प्लॉयर अप्लाई करेंगे. 

 

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