India's Economy Growth: देश की अर्थव्यवस्था के लिए एक बड़ी सकारात्मक खबर सामने आई है. लंबे समय से जारी मंदी का दौर अब अपने अंतिम चरण में बताया जा रहा है. इस दावे की पुष्टि एक नहीं, बल्कि दो प्रमुख वित्तीय संस्थानों की रिपोर्ट्स ने की है. एचएसबीसी म्यूचुअल फंड की रिपोर्ट के अनुसार, आने वाले महीनों में कई आर्थिक कारकों की मदद से भारत की घरेलू अर्थव्यवस्था दोबारा रफ्तार पकड़ सकती है.
एचएसबीसी की रिपोर्ट में कहा गया है कि अर्थव्यवस्था को मजबूती देने में कई कारक अहम भूमिका निभा रहे हैं — जैसे कम ब्याज दरें, बाजार में पर्याप्त तरलता, कच्चे तेल की घटती कीमतें और सामान्य मॉनसून. इन सभी ने मिलकर आर्थिक गतिविधियों को गति देने में मदद की है.
गोल्डमैन सैक्स ने बदला भारत पर नजरिया
दूसरी ओर, ग्लोबल इन्वेस्टमेंट बैंक गोल्डमैन सैक्स ने भारत के प्रति अपना दृष्टिकोण सकारात्मक करते हुए देश को ‘ओवरवेट’ रेटिंग दी है. यह एक बड़ा बदलाव है, क्योंकि अक्टूबर 2024 में बैंक ने भारत की रेटिंग को ‘न्यूट्रल’ कर दिया था. अब गोल्डमैन सैक्स का मानना है कि भारत की आर्थिक और कॉर्पोरेट स्थिति में स्पष्ट सुधार हुआ है.
अपग्रेड की वजहें
गोल्डमैन सैक्स के अनुसार, भारत को ओवरवेट श्रेणी में शामिल करने के पीछे प्रमुख कारण हैं — नीतिगत समर्थन, विदेशी निवेश में संतुलन, स्थिर मूल्यांकन और कंपनियों की कमाई में सुधार. बैंक ने अनुमान लगाया है कि अगले वर्ष के अंत तक निफ्टी-50 इंडेक्स 29,000 के रिकॉर्ड स्तर को छू सकता है, जो वर्तमान स्तर से लगभग 14 प्रतिशत की बढ़त दर्शाता है.
अन्य पॉजिटिव संकेत
कमाई में स्थिरता के साथ विदेशी फंडों के निवेश बढ़ने के संकेत मिल रहे हैं. इसके अलावा, जीएसटी दरों में कटौती 22 सितंबर से प्रभावी हो चुकी है, जिससे उपभोग बढ़ने की उम्मीद है. कंपनियों के तिमाही नतीजे बेहतर आए हैं, जबकि क्रेडिट ग्रोथ, घटती महंगाई और मजबूत मार्जिन के चलते मुनाफे में सुधार की संभावनाएं बढ़ गई हैं.
एचएसबीसी और गोल्डमैन सैक्स की रिपोर्ट्स से साफ है कि भारत की अर्थव्यवस्था एक बार फिर रफ्तार पकड़ने की दिशा में है. बेहतर नीतिगत माहौल, विदेशी निवेश का समर्थन और स्थिर बाजार स्थितियां आने वाले महीनों में विकास की गति को और मजबूत कर सकती हैं.