Retail Inflation: देश में महंगाई के मोर्चे पर आम आदमी को राहत मिली है. जुलाई के महीने में खाने-पीने की चीजों की कीमतों में आई गिरावट की वजह से इस महीने भारत की रिटेल महंगाई घटकर 1.55 परसेंट रह गई है. यह बीते आठ सालों में सबसे कम है.

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सरकारी आंकड़ों के मुताबिक, जून 2017 के बाद से यह रिटेल महंगाई का सबसे निचला स्तर है. जुलाई में रिटेल महंगाई इस साल जून के 2.1 परसेंट से भी 55 बेसिस पॉइंट कम रही, जो जनवरी 2019 के बाद से रिटेल महंगाई का सबसे निचला स्तर है. 

नेगेटिव जोन में आई महंगाई

इस साल जुलाई में खाद्य मुद्रास्फीति पिछले साल के इसी महीने के मुकाबले कम होकर -1.76 परसेंट के नेगेटिव जोन में आ गई. जून के मुकाबले जुलाई में भी खाद्य मुद्रास्फीति में भी 75 बेसिस पॉइंट की गिरावट दर्ज की गई है. जनवरी 2019 के बाद से खाद्य मुद्रास्फीति का सबसे निचला स्तर है. जुलाई, 2025 के दौरान मुख्य मुद्रास्फीति और खाद्य मुद्रास्फीति में आई इस गिरावट की वजह दालों, सब्जियों, अनाज, अंडे और चीनी की कम हुई कीमतें हैं.  

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जुलाई की खाद्य मुद्रास्फीति दर जनवरी 2019 के बाद से सबसे कम है. जुलाई में ग्रामीण मुद्रास्फीति जून के 1.72 परसेंट से घटकर 1.18 परसेंट रही, , जबकि शहरी मुद्रास्फीति इसी दौरान 2.56 परसेंट से घटकर 2.05 परसेंट रह गई. आवास मुद्रास्फीति 3.17 परसेंट पर लगभग स्थिर रही, शिक्षा मुद्रास्फीति 4.37 परसेंट से घटकर 4 परसेंट हो गई और स्वास्थ्य मुद्रास्फीति एक महीने पहले के 4.38 परसेंट  से बढ़कर 4.57 परसेंट  हो गई. 

इन राज्यों में सबसे कम हुई महंगाई

सबसे ज्यादा केरल में महंगाई संयुक्त रूप से कम हुई है, जो 8.89 परसेंट दर्ज की गई. उसके बाद जम्मू और कश्मीर (3.77 परसेंट), पंजाब (3.53 परसेंट), कर्नाटक (2.73 परसेंट) और महाराष्ट्र (2.28 परसेंट) का स्थान रहा. इसी के साथ परिवहन एवं संचार मुद्रास्फीति जून के 3.90 परसेंट से घटकर जुलाई में 2.12 परसेंट हो गई, जबकि ईंधन एवं प्रकाश मुद्रास्फीति 2.55 परसेंट से मामूली बढ़कर 2.67 परसेंट हो गई. 

 

 

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