India Defence Export Surge: भारतीय सेना ने पहलगाम हमले के बाद पड़ोसी दुश्मन मुल्क पाकिस्तान को ऐसी धूल चटाई, जिसे वो अब कभी भी भूल नहीं पाएगा. एक परमाणु संपन्न देश के अंदर मिसाइल से हमले कर ना सिर्फ आतंकी शिविरों को ध्वस्त कर दिया, बल्कि उसके हर एक वार का नाकाम कर उसे तगड़ा चोट दिया. 22 अप्रैल को पहलगाम आतंकी हमले के बाद भारतीय सेना ने 7 मई की रात को पाकिस्तान और उसके कब्जे वाले क्षेत्र में संचालित 9 आतंकी ठिकानों को नेस्तनाबूद कर दिया.
भारतीय सेना के इस हमले में लश्कर आतंकी मसूद अजहर के परिवार के 10 लोग समेत 100 से भी ज्यादा आतंकी मारे गए. सेना के इन कारनामों के बीच भारतीय रक्षा निर्यात के क्षेत्र में अच्छी खबर सामने आयी है. भारत आज दुनिया के 80 देशों में रक्षा उपकरणों का निर्यात करता है और पिछले 10 साल में इसमें में करीब 34 गुणा का भारी इजाफा हुआ है.
भारत का बढ़ा रक्षा निर्यात
साल 2013-14 में जहां भारत का रक्षा निर्यात 686 करोड़ रुपये हुआ करता था, वहीं अब ये बढ़कर 23,622 करोड़ का हो चुका है. रक्षा क्षेत्र में भारत का ये निर्यात उसके बढ़ते दबदबे को जाहिर करता है.
वित्तीय वर्ष 2024-25 के दौरान निजी क्षेत्र का रक्षा निर्यात 15,233 करोड़ रुपये का रहा, जबकि डिफेंस पीएसयू ने रिकॉर्ड 8,389 करोड़ रुपये का हथियारों का निर्यात किया है. सिर्फ डिफेंस पब्लिस सेक्टर अंडरटेगिंग्स में ही निर्यात में करीब 42.85 फीसदी का भारी इजाफा हुआ है, जो दुनिया में भारतीय हथियारों की बढ़ती मांग को दिखाता है.
रक्षा क्षेत्र में बढ़ता दबदबा
आत्मनिर्भर भारत अभियान के तहत सरकार लगातार रक्षा स्वक्षेत्र में स्वदेशी हथियारों के उत्पादन पर जोर दे रही है. भारत का लक्ष्य 2029 तक रक्षा निर्यात 50 हजार करोड़ रुपये तक करने का है. जिन हथियारों को भारत निर्यात करता है, वो हैं- आकाश, ब्रह्मोस सुपरसोनिक क्रूज मिसाइल, पिनाका रॉकट. इसके साथ ही, के9 वज्र, बीओटी, डोर्नियर 228 लड़ाकू विमान और हल्के लड़ाकू विमान तेजस को भी दुनिया ने खूब पसंद किया है.