नई दिल्ली: देश में कोरोना वायरस के असर से बचने के लिए लागू किए गए लॉकडाउन का नकारात्मक असर उद्योगों और आर्थिक स्थिति पर पड़ रहा है. देश के औद्योगिक उत्पादन में मार्च महीने में 16.7 फीसदी की गिरावट आई है. लॉकडाउन के कारण मुख्य रूप से माइनिंग, मैन्यूफैक्चरिंग और बिजली क्षेत्र के खराब प्रदर्शन की वजह से औद्योगिक उत्पादन घटा है.


सरकारी आंकड़े के मुताबिक पिछले साल मार्च महीने में औद्योगिक उत्पादन सूचकांक (आईआईपी) में 2.7 फीसदी की बढ़त हुई थी. बता दें कि सरकार ने कोरोना वायरस महामारी के असर से बचने के लिये 25 मार्च 2020 से देशव्यापी लॉकडाउन लागू किया है.


आईआईपी में पिछले वित्त वर्ष में 0.7 फीसदी की गिरावट आयी जबकि 2018-19 में इसमें 3.8 फीसदी की बढ़ोतरी हुई थी. औद्योगिक उत्पादन मार्च महीने में 16.7 फीसदी घटा जबकि पिछले साल इसी महीने में इसमें 2.7 फीसदी की बढ़ोतरी हुई थी.


मार्च में मैन्यूफैक्चरिंग का आंकड़ा
राष्ट्रीय सांख्यिकी कार्यालय (एनएसओ) के आंकड़े के मुताबिक मार्च 2020 में मैन्यूफैक्चरिंग सेक्टर का उत्पादन 20.6 फीसदी घटा जबकि एक साल पहले इसी महीने में इसमें 3.1 फीसदी की बढ़त हुई थी.


बिजली
बिजली उत्पादन में मार्च महीने में 6.8 फीसदी की गिरावट आयी जबकि मार्च 2019 में इसमें 2.2 फीसदी की वृद्धि दर्ज की गई थी.


माइनिंग
आंकड़ों के मुताबिक माइनिंग क्षेत्र का उत्पादन इस साल मार्च में एक साल पहले के स्तर पर स्थिर रहा जबकि एक वर्ष पहले इसी महीने में इसमें 0.8 फीसदी की बढ़ोतरी हुई थी.


अन्य आंकड़े
मार्च में प्राइमरी गुड्स का आउटपुट 3.1 फीसदी रहा जो एक साल पहले 2.6 फीसदी पर रहा था. मार्च में कैपिटल गुड्स की विकास दर -35.6 फीसदी रही जो एक साल पहले -9.1 फीसदी रही थी. मार्च में इंफ्रास्ट्रक्चर गुड्स का आउटपुट -18.5 फीसदी रही जो एक साल पहले 12.4 फीसदी पर रहा था. इस तरह देखा जाए तो आईआईपी के लगभग सभी सेक्टर्स में गिरावट दर्ज की गई है.


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