Indian Economy Growth Rate: घरेलू रेटिंग एजेंसी इक्रा (ICRA Rating Agency) ने यूक्रेन संकट के कारण वित्त वर्ष 2022-23 के लिए भारत के वृद्धि दर के अनुमान को 0.8 प्रतिशत घटाकर 7.2 प्रतिशत कर दिया है. इक्रा की मुख्य अर्थशास्त्री अदिति नायर ने जिंसों की कीमतों में उछाल और यूक्रेन में सैन्य संघर्ष के कारण आपूर्ति श्रृंखला में बाधा को वृद्धि दर के अनुमान में कमी की प्रमुख वजह बताया है.


7.8 प्रतिशत की वृद्धि का अनुमान
भारतीय रिज़र्व बैंक (Reserve Bank of India) ने अगले वित्त वर्ष में भारतीय अर्थव्यवस्था में 7.8 प्रतिशत की वृद्धि का अनुमान जताया है.


अप्रैल में होगी मौद्रिक नीति की बैठक
केंद्रीय बैंक अप्रैल की शुरुआत में अगले वित्त वर्ष के लिए पहली द्विमासिक मौद्रिक नीति पेश करेगा. इसमें वृद्धि दर के अनुमान पर फिर से विचार किया जाएगा.


GDP में 3-4 प्रतिशत की रह सकती है ग्रोथ
रेटिंग एजेंसी के मुताबिक, चालू वित्त वर्ष की अंतिम तिमाही के दौरान सकल घरेलू उत्पाद (GDP) में वास्तविक वृद्धि तीन से चार प्रतिशत रह सकती है, जो तीसरी तिमाही के दौरान 5.4 प्रतिशत थी. इससे चालू वित्त वर्ष में जीडीपी में वास्तविक वृद्धि दर के 8.5 प्रतिशत रहने का अनुमान है.


जानें क्या है एक्सपर्ट की राय?
नायर ने कहा, ‘‘ईंधन और खाद्य तेलों जैसी वस्तुओं की ऊंची कीमतों से मध्यम से निम्न वर्ग की खर्च योग्य आय में कमी आ सकती है, जिससे वित्त वर्ष 2022-23 में मांग में पुनरुद्धार प्रभावित हो सकता है.’’ उन्होंने मुफ्त अनाज योजना को सितंबर, 2022 तक बढ़ाने का स्वागत करते हुए कहा कि इससे कमजोर वर्ग के लोगों को अपने खाद्यान्न बजट के मोर्चे पर कुछ राहत मिलेगी.


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