HP Layoff: टेक्नोलॉजी तेजी से आगे बढ़ती जा रही है. इससे एक तरफ इंसान को तमाम सुविधाएं मिल रही हैं. वहीं, दूसरी तरफ नुकसान भी जमकर हो रहा है. अब आप आर्टिफिशिल इंटेलिजेंस (AI) को ही ले लीजिए, जिसके चलते लाखों की तादात में कर्मचारियों को अपनी नौकरी से हाथ धोना पड़ रहा है. इस क्रम में एक और कंपनी का नाम जुड़ने जा रहा है, जिसने 2028 तक 4000 से 6000 कर्मचारियों की कटौती करने का मन बना लिया है.

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क्यों होगी कंपनी में छंटनी? 

बताया जा रहा है कंपनी में होने वाली यह छंटनी उनके 'फिस्कल 2026 प्लान' का हिस्सा है, जिसका फोकस AI को अपनाने और उसे इनेबल करने पर है ताकि प्रोडक्टिविटी बढ़ सके, प्रोडक्ट इनोवेशन में तेजी आ सके और कस्टमर कंपनी के साथ कैसे इंटरैक्ट करते हैं, इसे बेहतर बनाया जा सके. यह रीस्ट्रक्चरिंग इस बात का सिग्नल है कि HP का मानना ​​है कि AI उसके वर्कफोर्स को पूरी तरह से बदल देगा. यह एक ऐसा ट्रेंड है जिसे टेक सेक्टर में अपनाए जाने की होड़ सी लगी हुई है और इस पर एक्सपर्ट्स की पैनी नजर बनी हुई है.

कई टीम से निकाले जाएंगे लोग

छंटनी की चपेट में कई टीमें आएंगी क्योंकि लोग कई सेगमेंट्स से निकाले जाएंगे. कंपनी के सीईओ Enrique Lores के मुताबिक, प्रोडक्ट डेवलपमेंट, इंटरनल ऑपरेशंस और कस्टमर सपोर्ट पर इसका असर देखने को मिलेगा क्योंकि HP के पूरे ऑर्गनाइजेशन में AI को अपनाने और इनेबल करने की वजह से कस्टमर सपोर्ट वाले पोस्ट खाली हो जाएंगे. 

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HP को उम्मीद है कि इन कामों से बड़े फाइनेंशियल फायदे होंगे और फिस्कल ईयर 2028 के आखिर तक हर साल लगभग 1 बिलियन डॉलर की ग्रॉस रन रेट सेविंग का अनुमान है. हालांकि, HP के मुताबिक, रीस्ट्रक्चरिंग प्रोसेस में ही लगभग 650 मिलियन डॉलर की लेबर और नॉन-लेबर कॉस्ट आएगी, जिसमें फिस्कल ईयर 2026 में लगभग 250 मिलियन डॉलर का खर्च बैठने की उम्मीद है. कर्मचारियों की संख्या में कटौती का यह मौजूदा दौर इस साल की शुरुआत में किए गए पिछले रीस्ट्रक्चरिंग प्लान के बाद आया है, जिसमें कंपनी पहले ही 1,000 से 2,000 कर्मचारियों को नौकरी से निकाल चुकी है. 

 

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