Highway Infrastructure IPO: टोल कलेक्शन और ईपीसी इंफ्रास्ट्रक्चर में लगी कंपनी हाईवे इंफ्रास्ट्रक्चर (HIL) का आईपीओ आज से खुल रहा है. रिटेल निवेशकों के लिए बोली लगाने का आखिरी मौका 7 अगस्त, 2025 तक है. 130 करोड़ रुपये का यह आईपीओ ग्रे मार्केट में 57 परसेंट की बढ़त के साथ कारोबार कर रहा है. आईपीओ के लिए प्राइस बैंड 65-70 रुपये प्रति शेयर तय किया गया है. 12 अगस्त को शेयर के NSE SME पर लिस्टिंग होने की संभावना है.
आईपीओ में 1.39 करोड़ फ्रेश शेयर जारी किए जाएंगे, जिनकी कुल कीमत 97.52 करोड़ रुपये है, जबकि 0.46 करोड़ शेयरों का ऑफर-फॉर-सेल शामिल है, जिसकी कुल कीमत 32.48 करोड़ रुपये है. इसके लिए रिटेल निवेशकों को 211 शेयरों के लॉट में बोली लगानी होगी यानी कि कम से कम 14,770 रुपये का निवेश करना होगा.
किसके लिए कितना हिस्सा रिजर्व?
हाईवे इंफ्रास्ट्रक्चर IPO का 30 परसेंट हिस्सा क्वालिफाइड इंस्टीट्यूशनल बायर्स (QIB) के लिए रिजर्व है. नॉन इंस्टीट्यूशनल इन्वेस्टर्स (NII) के लिए भी 30 परसेंट रिजर्व रखा गया है. जबकि, रिटेल निवेशकों के लिए 40 परसेंट हिस्सा रिजर्व रहेगा.
HIL मुख्य रूप से टोल कलेक्शन और इंफ्रास्ट्रक्चर प्रोजेक्ट्स का कामकाज संभालती है. इसके अलावा, कंपनी कुछ तद तक रियल एस्टेट सेक्टर में भी सक्रिय है. मई 2025 तक इसका कंसोलिडेटेड ऑर्डर बुक 666.3 करोड़ रुपये का रहा. इसमें से 90 परसेंट से अधिक टोल और EPC सेगमेंट से ही थे.
कंपनी का बढ़ रहा कारोबार
HIL मुख्य रूप से टोल कलेक्शन और इंफ्रास्ट्रक्चर प्रोजेक्ट्स का कामकाज संभालती है. इसके अलावा, कंपनी कुछ तद तक रियल एस्टेट सेक्टर में भी सक्रिय है. मई 2025 तक इसका कंसोलिडेटेड ऑर्डर बुक 666.3 करोड़ रुपये का रहा. इसमें से 90 परसेंट से अधिक टोल और EPC सेगमेंट से ही थे.
कंपनी ने 27 टोल प्रोजेक्ट्स पूरे किए हैं. मौजूदा समय में चार और प्रोजेक्ट्स पर काम चल रहा है. दिल्ली-मेरठ एक्सप्रेसवे पर एएनपीआर- सक्षम टोलिंग भी शामिल है. इसी के साथ पिछले कुछ सालों में कंपनी ने 66 EPC प्रोजेक्ट्स भी पूरे किए हैं और कुछ परियोजनाएं निर्माणाधीन हैं. मध्य प्रदेश की इस कंपनी का दायरा 11 राज्यों और एक केंद्र शासित प्रदेश तक फैला हुआ है. वित्त वर्ष 2025 में HIL का रेवेन्यू 495.7 करोड़ रुपये रहा, जबकि नेट प्रॉफिट 4.6 परसेंट की बढ़त के साथ 22.4 करोड़ रुपये रहा. EBITDA मार्जिन 6.3 परसेंट और PAT मार्जिन 4.5 परसेंट रहा.
आईपीओ के पैसे का क्या करेगी कंपनी?
आईपीओ से जुटाई गई रकम में से वर्किंग कैपिटल के लिए 65 करोड़ रुपये अलॉट करने का कंपनी का प्लान है. जबकि बाकी बचे पैसों का इस्तेमाल सामान्य कॉर्पोरेट उद्देश्यों के लिए किया जाएगा. पैंटोमैथ कैपिटल एकमात्र बुक-रनिंग लीड मैनेजर है और बिगशेयर सर्विसेज रजिस्ट्रार है.
क्या आपको करना चाहिए सब्सक्राइब?
स्थिर वित्तीय स्थिति, टोलिंग में फास्टैग और एएनपीआर जैसे टेक्नोलॉजी को अपनाने और इंफ्रास्ट्रक्चर में सरकारी सहयोग के चलते इस इश्यू को आनंद राठी ने 'Subscribe for Long Term' की रेटिंग दी है.
डिस्क्लेमर: (यहां मुहैया जानकारी सिर्फ़ सूचना हेतु दी जा रही है. यहां बताना जरूरी है कि मार्केट में निवेश बाजार जोखिमों के अधीन है. निवेशक के तौर पर पैसा लगाने से पहले हमेशा एक्सपर्ट से सलाह लें. ABPLive.com की तरफ से किसी को भी पैसा लगाने की यहां कभी भी सलाह नहीं दी जाती है.)
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