Hindustan Aeronautics Limited: 'महारत्न' कंपनी हिंदुस्तान एयरोनॉटिक्स लिमिटेड (HAL) और अमेरिकी कंपनी जनरल इलेक्ट्रिक कंपनी के बीच एक डील हुई है. दोनों कंपनियों के बीच यह करार F404-GE-IN20 इंजन की 113 यूनिट की सप्लाई और सपोर्ट पैकेज के लिए हुई है. ये इंजन 97 तेजस Mk1A विमानों के लिए होंगे, जिसका ऑर्डर कंपनी को हाल ही में मिला है. कंपनी ने 7 नवंबर को अपनी फाइलिंग में बताया, स्वदेशी लड़ाकू तेजस विमान LCA Mk 1A के लिए सितंबर 2025 में एक समझौता हुआ था. इसके लिए इंजन की सप्लाई 2027 से 2032 के बीच होगी.

Continues below advertisement

रक्षा मंत्रालय से मिला बड़ा ऑर्डर 

सितंबर के महीने में रक्षा मंत्रालय ने HAL को 62370 करोड़ रुपये का ऑर्डर दिया था. इसके लिए भारतीय वायुसेना के लिए कंपनी से Mk 1A विमान खरीदे जाएंगे. इससे पहले फरवरी 2021 में रक्षा मंत्रालय ने 83 तेजस Mk 1A जेट विमानों की खरीद के लिए 48000 करोड़ रुपये का सौदा किया था. यह कंपनी के साथ किया गया दूसरा कॉन्ट्रैक्ट है. 97 तेजस Mk1A विमानों के लिए इंजनों की सप्लाई करने के लिए HAL की GE के साथ डील हुई है. अधिकारियों ने बताया कि इस सौदे के तहत F404-GE-IN20 इंजनों की सप्लाई 2027 से शुरू होगी और 2032 तक पूरी करनी होगी. 

हिंदुस्तान एयरोनॉटिक्स के शेयर की कीमत इस साल अब तक 11.07 परसेंट तक चढ़ी है. HAL 12 नवंबर को अपने Q2FY26 के नतीजे का ऐलान करने वाला है. 

Continues below advertisement

क्या है तेजस की खासियत? 

दुनिया भर के तमाम देश अपनी यहां की सेना को मजबूत बना रहे हैं. इसमें भारत भी शामिल है. 'ऑपरेशन सिंदूर' के बाद खासतौर पर भारत डिफेंस सेक्टर को और भी ज्यादा ताकतवर बनाने की कोशिश में जुटा हुआ है. इसके लिए इस सेक्टर में बड़े पैमाने पर निवेश भी किए जा रहे हैं. 97 तेजस Mk1A विमानों के लिए HAL को दिया गया यह ऑर्डर भी इस दिशा में बढ़ाया गया एक कदम है.

तेजस Mk1A भारतीय वायु सेना का अत्याधुनिक फाइटर जेट है, जिसका रडार सिस्टम काफी तेज है. इतना तेज कि यह 150-160  किलोमीटर के रेंज से ही टागरगेट का पता लगा लेता है. इसकी पेलोड कैपेसिटी 3500 किलोग्राम तक है. यह 2000 किमी प्रति घंटे की रफ्तार से चलती है. यह 4.5 जनरेशन का एक मल्टी-रोल कॉम्बैट एयरक्राफ्ट है. 

 

 

 

 

 

 

 

ये भी पढ़ें:

अडानी पावर ने मारी बाजी! 2400 मेगावाट बिजली प्रोजेक्ट को बिहार सरकार ने दी मंजूरी