Budget 2022: जेम्स एंड ज्वेलरी इंडस्ट्री ने एक फरवरी 2022 को पेश होने वाले बजट में वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण से ज्वेलरी पर जीएसटी रेट घटाने की मांग की है. बगैर पैन कार्ड के ज्वेलरी खरीदने की लिमिट को भी 2 लाख रुपये से ज्यादा करने की मांग की गई है. 


सोने पर जीएसटी घटाने की मांग
जेम्स एंड ज्वेलरी इंडस्ट्री की ट्रेड बॉडी ऑल इंडिया जेम एंड ज्वेलरी डोमेस्टिक काउंसिल( GJC) ने पेश होने वाले बजट में वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण से ज्वेलरी पर जीएसटी को मौजूदा 3 फीसदी से घटाकर 1.25 फीसदी करने की मांग की है. GJC ने वित्त मंत्री से पैन कार्ड के साथ ज्वेलरी खरीदने की लिमिट को 2 लाख रुपये से बढ़ाकर 5 लाख रुपये करने की मांग की है. काउंसिल के मुताबिक ग्रामीण इलाकों में कई लोगों के पास पैन कार्ड नहीं होता है और सोने की खरीदारी के दौरान उन्हें भारी दिक्कतों का सामना करना पड़ता है. 


खत्म हो क्रेडिट कार्ड से खरीदारी पर कमीशन
GJC ने इनकम टैक्स के एक्ट के सेक्शन 40 ए  में डेली कैश लिमिट को 10,000 रुपये से बढ़ाकर एक लाख रुपये प्रति दिन करने की मांग की है. साथ क्रेडिट कार्ड से ज्वेलरी खरीदने पर बैंक द्वारा चार्ज किए जाने वाले 1 से 1.5 फीसदी को खत्म करने की मांग की है. GJC के चेयरमैन आशीष पेठे ने कहा कि जेम्स एंड ज्वेलरी इंडस्ट्री को कोरोना महामारी के दौरान भारी दिक्कतों का सामना करना पड़ा है. के वी कामथ रिपोर्ट में भी कहा गया है कि ये सेक्टर सबसे ज्यादा संकट से जूझ रहा है.  


ईएमआई पर सोना खरीदने की मिले इजाजत
GJC ने ये भी मांग की है कि सरकार स्पष्टीकरण जारी करे कि कोई व्यक्ति गोल्ड मॉनिटाईजेशन स्कीम में कितना सोना जमा कर सकता है जिससे डिपाजिटर्स को किसी भी विभाग के सवालों का जवाब ना देना पड़े. साथ ही 22कैरेट सोने की ज्वेलरी ईएमआई पर खरीदने की भी इजाजत जिससे जेम्स एंड ज्वेलरी इंडस्ट्री को फायदा होगा. 


संकट में ज्वेलरी इंडस्ट्री
GJC के मुताबिक कोरोना महामारी के पहले दूसरे लहर के बाद जेम्स एंड ज्वेलरी इंडस्ट्री में सुधार देखा जा रहा था. लेकिन कोरोना के नए वेरिएंट के चलते कई सारी बंदिशें लग गई है जिससे जेम्स एंड ज्वेलरी इंडस्ट्री की परेशानी बढ़ गई है. बीते दो सालों से इस इंडस्ट्री को कोरोना महामारी के चलते दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है. रिटेल सेक्टर पर बंदिशों के चलते कस्टमर्स ज्वेलरी खरीदने पर खर्च नहीं कर रहे हैं. जिसके चलते छोटे ज्वेलर्स से लेकर कारीगर दिक्कत में है.