PMGKAY Latest News: देश में प्रधानमंत्री गरीब कल्याण अन्न योजना (PMGKAY) का लाभ करोड़ों परिवारो को मिल रहा है. देशभर में राशन की दुकानों पर PMGKAY योजना के तहत फ्री राशन लगातार बांटा जा रहा है. हालाँकि सितम्बर माह तक ही फ्री-राशन का वितरण होना तय है. इस माह के बाद फ्री योजना को बंद किया जा सकता है. वही दूसरी ओर खाद्य मंत्रालय में इसकी चर्चा चल रही है कि केन्द्रीय कैबिनेट जल्द ही इस स्कीम को आगे बढ़ाने का फैसला ले सकती है. सूत्रों के अनुसार अगर इस योजना को मार्च 2023 तक के लिए बढ़ाया गया, तो सरकार पर कितना बोझ पड़ सकता है और अभी क्या स्थिति है. इसकी जानकारी हम आपको बताने जा रहे है.


नहीं है चावल का स्टॉक 
अगर 2022 अक्टूबर माह से अगले 6 महीने के लिए यानि मार्च 2023 तक PMGKAY स्कीम को विस्तार कर दिया जाता है, तो केन्द्र सरकार पर 90 हज़ार करोड़ का बोझ पड़ने के आसार है. अगर खुले बाजार को देखें तो बिक्री किए जाने की योजना के लिए या इथेनॉल ब्लेडिंग प्रोग्राम (EBP) और अन्य जरूरतों के लिए चावल का स्टॉक नहीं है.


ऐतिहासिक होगी की चावल कमी 
प्रधानमंत्री गरीब कल्याण अन्न योजना (PMGKAY) अगर 7वीं बार बढ़ाई गई तो बफर से चावल का स्टॉक घट जाएगा. पिछले करीब 20 साल में ऐसा पहली बार होगा. वित्त वर्ष 2022-23 के अक्टूबर-मार्च तक PMGKAY के तहत फ्री अन्न वितरण (गेहूं-चावल) किए जाने के कारण बफर स्टॉक में चावल की ऐतिहासिक कमी देखने को मिलेगी. 


क्या है स्थिति 
आपको बता दे कि 7वीं बार PMGKAY स्कीम को बढ़ाया जाता तो 1 अप्रैल, 2023 को सेंट्रल पूल में गेहूं के स्टॉक को 74 लाख टन बफर स्टॉक के मुकाबले 90-93 लाख टन तक कम कर दिया जाएगा. सितंबर 2022 में PMGKAY स्कीम का छठवां चरण समाप्त हो रहा है यानी इस महीने के बाद PMGKAY स्कीम के तहत फ्री में अन्न (गेहूं-चावल) वितरित होना बंद हो जाएगा. 


कितना है चावल का स्टॉक 
खाद्य मंत्रालय सूत्रों के अनुसार 1 अप्रैल 2023 तक सरकारी बफर में चावल का स्टॉक 1.2-1.3 करोड़ टन होगा. जो जरूरी बफर स्टॉक से कम है. 1 अप्रैल 2023 तक बफर में 1.358 करोड़ टन चावल का स्टॉक होना चाहिए लेकिन इस बार बफर स्टॉक में चावल की भारी कमी हो सकती है.


90 हजार करोड़ का खर्चा 
खाद्य मंत्रालय के एक आंतरिक नोट के अनुसार वित्तवर्ष 2022-23 के अक्टूबर से मार्च तक PMGKAY स्कीम को बढ़ाए जाने पर 90,000 करोड़ रुपये का खर्चा आएगा. जिससे फूड सब्सिडी खर्च और बढ़ जाएगा. साथ ही इसके लिए सरकार को अतिरिक्त अनाज की जरूरत भी पड़ेगी.


वित्त मंत्रालय ने जताई चिंता 
आपको बता दे कि 2020 अप्रैल से PMGKAY स्कीम पर केन्द्र सरकार द्वारा 316 करोड़ रूपये से ज्यादा खर्च किए जाने का अनुमान लगाया जा रहा है. वित्त मंत्रालय के व्यय विभाग ने पहले ही इस फ्री राशन योजना की बजटीय लागत पर गंभीर चिंता जता दी है. 


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