Government Debt: केंद्र सरकार दूसरी छमाही में 6.61 लाख करोड़ रुपये लेगी बाजार से उधार, ग्रीन बॉन्ड जारी कर 20000 करोड़ जुटाने की तैयारी
Sovereign Green Bonds: सरकार दूसरी छमाही में 6.61 लाख करोड़ रुपये का कर्ज लेगी उसमें 20000 करोड़ रुपये ग्रीन बॉन्ड जारी कर जुटाया जाएगा.
Government Borrowing Plan: केंद्र सरकार वित्त वर्ष 2024-25 की दूसरी छमाही के दौरान 6.61 लाख करोड़ रुपये का कर्ज जुटाएगी जिससे आय और व्यय के बीच के फर्क को पाटा जा सके. वित्त मंत्रालय ने बताया कि केंद्र सरकार ने बैंकिंग सेक्टर के रेगुलेटर भारतीय रिजर्व बैंक के साथ मिलकर मौजूदा वित्त वर्ष की दूसरी छमाही के लिए उधार लेने के कार्यक्रम को अंतिम रूप दे दिया है.
वित्त मंत्रालय (Ministry of Finance) ने बताया कि वित्त वर्ष 2024-25 में सरकार ने कुल 14.01 लाख करोड़ रुपये कर्ज जुटाने का लक्ष्य रखा है जिसमें से 6.61 लाख करोड़ रुपये जो कि कुल जुटाये जाने वाले कर्ज का 47.2 फीसदी है उसे डेटेड सिक्योरिटीज (Dated Securities) के जरिए वित्त वर्ष की दूसरी छमाही में जुटाया जाएग जिसमें 20,000 करोड़ रुपये का सॉवरेन ग्रीन बॉन्ड (Sovereign Green Bonds) भी शामिल है.
फाइनेंस मिनिस्ट्री ने कहा, 6.61 लाख करोड़ रुपये को 21 साप्ताहिक ऑक्शन के जरिए जुटाया जाएगा. सरकार आरबीआई के साथ मिलकर तीन, पांच, सात, 10, 15, 30, 40 और 50 साल की सिक्योरिटीज जारी कर जुटाएगी. इनमें तीन साल की परिपक्वता की अवधि वाले कर्ज की हिस्सेदारी सबसे कम 5.3 फईसदी होगी जबकि 10 वर्ष की अवधि वाली सिक्योरिटीज का हिस्सा सर्वाधिक 24.8 फीसदी होगा. मंत्रालय ने बताया कि नीलामी अधिसूचनाओं में दर्शाई गई प्रत्येक सिक्योरिटीज के लिए 2,000 करोड़ रुपये के एडिशनल सब्सक्रिप्शन को बनाए रखने के लिए ग्रीनशू ऑप्शन का विकल्प होगा.
सरकार ने मौजूदा वित्त वर्ष के दौरान 14.01 लाख करोड़ रुपये का कर्ज जुटाने का लक्ष्य रखा है जिसके घोषणा पूर्ण बजट पेश करते हुए किया गया था. जबकि अंतरिम बजट में वित्त वर्ष के दौरान 14.13 लाख करोड़ रुपये जुटाने का लक्ष्य रखा गया था. वित्त वर्ष 2023-24 में सरकार ने 15.43 लाख करोड़ रुपये का कर्ज जुटाया था. यानि पिछले वित्त वर्ष से मौजूदा वित्त वर्ष में सरकार ने 9 फीसदी कम उधार ले रही है. इससे रोजकोषीय घाटे को कम रखने में मदद मिलेगी. सरकार ने 4.9 फीसदी राजकोषीय घाटे का लक्ष्य रखा है कि अंतरिं बजट के 5.1 फीसदी टारगेट से कम है. इसमें सबसे बड़ी मदद सरकार की आरबीआई ने की जिसने 2.1 लाख करोड़ रुपये का डिविडेंड सरकार को दिया है.
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