MGNREGA: मनरेगा यानी महात्मा गांधी ग्रामीण रोजगार गारंटी योजना ( Mahatma Gandhi National Rural Employment) के तहत देश के ग्रामीण इलाके में रोजगार को बढ़ावा देने के लिए केंद्र सरकार ने 10,000 करोड़ रुपये की एडवांस राशि प्रदान की है. यह फंड 60,000 करोड़ रुपये के बजट आवंटन के अतिरिक्त जारी की गई है. ग्रामीण विकास राज्य मंत्री साध्वी निरंजन ज्योति ने मंगलवार को संसद को मनरेगा पर पूछे गए सवाल का जवाब देते हुए बताया कि केंद्र सरकार द्वारा वित्त वर्ष 2023-24 में मनरेगा के अंतर्गत जारी किए गए फंड का ब्यौरा पेश किया. उन्होंने जानकारी दी कि इस वित्त वर्ष में 29 नवंबर, 2023 तक 66,629 करोड़ रुपये का फंड सरकार ने मनरेगा के तहत जारी किया है.


10,000 रुपये का अतिरिक्त फंड किया गया जारी


राज्य मंत्री साध्वी निरंजन ज्योति ने बताया कि इस साल ग्रामीण इलाके में रोजगार को बढ़ावा देने के लिए सरकार ने पहले 60,000 करोड़ रुपये का फंड योजना के तहत आवंटित किया था, जिसे बाद में 10,000 करोड़ रुपये और बढ़ा दिया गया है. अब तक सरकार ने योजना के तहत 66,629 करोड़ रुपये की राशि जारी कर दी है. इस फंड को जमीनी स्तर पर फंड की जरूरत को देखते हुए जारी किया गया है.


सरकार ने 28,000 के अतिरिक्त फंड को दी मंजूरी-


हाल ही में पीटीआई से बात करते हुए  ग्रामीण विकास मंत्री गिरिराज सिंह ने भी जानकारी दी थी कि सरकार ने मनरेगा के तहत 28,000 करोड़ रुपये के अतिरिक्त फंड को जारी करने की मंजूरी दे दी है और इसे संसद के शीतकालीन सत्र में पास करा लिया जाएगा. ध्यान देने वाली बात ये है कि मनरेगा सरकार द्वारा चलाई जाने वाली रोजगार गारंटी स्कीम है. 


क्या है मनरेगा


इसके तहत हर परिवार को कम से कम 100 दिन के रोजगार की गारंटी मिलती है. वित्त वर्ष 2024 में सरकार ने मनरेगा के तहत जारी किए जाने वाले फंड में बड़ी कटौती करते हुए इसे घटाकर 60,000 करोड़ कर दिया था, हालांकि इसके साथ ही यह ऐलान भी किया था कि जरूरत पड़ने पर सरकार और फंड का प्रावधान भी करेगी. 


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