इजरायल-ईरान के बीच कई दिनों से युद्ध जैसी स्थिति बनी हुई है. दोनों देश लगातार एक दूसरे पर मिसाइल से हमले कर रहे हैं. इन मिसाइल हमलों के बीच अब सोने का रेट भी गिर गया है. शुक्रवार को MCX (मल्टी कमोडिटी एक्सचेंज) पर सोने की कीमतों में गिरावट देखी गई.

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सोना 99,096 रुपये प्रति 10 ग्राम पर बंद हुआ, जो पिछले दिन से कम है. दिनभर के कारोबार में इसकी क़ीमत 98,431 रुपये तक नीचे गई और अधिकतम 99,198 तक पहुंची. इस हफ्ते कुल मिलाकर सोने की कीमतों में 1 फीसदी से ज़्यादा की गिरावट दर्ज की गई है. वहीं, चांदी ने थोड़ा बेहतर प्रदर्शन किया और 51 रुपये बढ़कर 1,06,275 रुपये प्रति किलो पर बंद हुई.

वैश्विक बाज़ार में भी दिखी कमजोरी

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अंतरराष्ट्रीय बाजारों में भी सोने की चमक थोड़ी फीकी पड़ी. स्पॉट गोल्ड की कीमत 0.2 फीसदी गिरकर 3,365.51 डॉलर प्रति आउंस रह गई, जबकि यूएस गोल्ड फ्यूचर्स 0.7 फीसदी लुढ़ककर 3,385.50 डॉलर पर पहुंच गया. चांदी की कीमतें भी 1.1 फीसदी गिरीं. इस गिरावट की बड़ी वजह रही अमेरिकी डॉलर की मजबूती, ऊंची बॉन्ड यील्ड्स और अमेरिका में ब्याज दरों को लेकर बना असमंजस.

ट्रम्प के फैसले पर टिकी बाज़ार की नज़र

अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प दो हफ्तों के भीतर यह फैसला ले सकते हैं कि अमेरिका इजरायल और ईरान के बीच चल रहे एयर स्ट्राइक विवाद में शामिल होगा या नहीं. इस फैसले का बड़ा असर सोने की कीमतों पर पड़ेगा क्योंकि सोना पारंपरिक रूप से सुरक्षित निवेश (safe-haven asset) माना जाता है और किसी भी राजनीतिक अनिश्चितता के समय इसकी मांग बढ़ जाती है.

फेडरल रिजर्व के रुख से भी प्रभावित होगा सोना

अमेरिकी फेडरल रिजर्व ने 2025 के लिए 50 बेसिस प्वाइंट्स की दर कटौती का अनुमान जताया है, लेकिन 2026 और 2027 में दरें ज़्यादा घटने की उम्मीद नहीं है. Fed गवर्नर क्रिस्टोफर वालर ने संकेत दिए हैं कि जुलाई से कटौती हो सकती है, लेकिन चेयरमैन जेरोम पॉवेल अब भी डेटा आधारित रुख अपनाने पर ज़ोर दे रहे हैं. इस मतभेद ने सोने के दामों में अनिश्चितता बढ़ा दी है.

ट्रेडिंग के लिए Sell-on-Rise की सलाह

द मिंट की रिपोर्ट के अनुसार, तकनीकी तौर पर MCX गोल्ड अगस्त वायदा को 97,000 रुपये प्रति 10 ग्राम के स्तर पर सपोर्ट मिल सकता है. इसलिए अभी Sell-on-Rise (उछाल पर बेचें) रणनीति अपनाना बेहतर होगा. कुल मिलाकर, जब तक अमेरिका और फेड की नीतियों को लेकर तस्वीर साफ नहीं हो जाती, तब तक सोने की कीमतें या तो सीमित दायरे में रहेंगी या अचानक ब्रेकआउट भी हो सकता है.

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