सोना (Gold) एक ऐसा निवेश है जो सदियों से लोगों के लिए आकर्षण का केंद्र रहा है. मौजूदा समय में, सोने की कीमतें लगातार बदल रही हैं. ऐसे में कई निवेशक यह सोच रहे हैं कि इस समय सोना खरीदना सही है या बेचना. चलिए इस खबर में कई मुद्दों के आधार पर यह समझने की कोशिश करते हैं कि आखिर इस वक्त सोने के साथ क्या करना सही है.

3 फरवरी को सोने की कीमत क्या है

3 फरवरी 2025 को भारत में 24 कैरेट सोने की कीमत 82,094 रुपये प्रति 10 ग्राम है, जबकि चांदी की कीमत 92,475 रुपये प्रति किलो है. हाल ही में बजट 2025 में सरकार ने आयात शुल्क में कमी की घोषणा की है, जिससे सोने और चांदी की कीमतों में राहत मिली है. हालांकि, वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने इंपोर्ट ड्यूटी बढ़ाने का भी संकेत दिया है, जिससे भविष्य में सोने की कीमतें बढ़ सकती हैं.

सोना खरीदना कितना फायदे का सौदा

सोना एक सुरक्षित निवेश माना जाता है जो महंगाई के समय में अपने मूल्य को बनाए रखता है. जब अन्य संपत्तियों की कीमतें गिरती हैं, तो सोने की कीमतें अक्सर बढ़ जाती हैं. वहीं, सोने की कीमतें वैश्विक बाजारों पर निर्भर करती हैं. अगर वैश्विक स्तर पर अनिश्चितता या आर्थिक संकट होता है, तो सोने की मांग बढ़ जाती है और इसके मूल्य में वृद्धि होती है. अगर आप लंबी अवधि के लिए निवेश करने की सोच रहे हैं, तो सोना एक अच्छा विकल्प हो सकता है. ऐतिहासिक रूप से, सोने ने लंबे समय में अच्छे रिटर्न दिए हैं. 

सोने को बेचने के कारण

अगर आप शॉर्ट टर्म में लाभ कमाने की सोच रहे हैं, तो बाजार में उतार-चढ़ाव आपको बेचने का अवसर दे सकता है. अगर आप पहले से ही ऊंची कीमत पर सोना खरीद चुके हैं और अब मूल्य बढ़ा है, तो यह बेचन का सही समय हो सकता है. इसके अलावा आपकी आर्थिक स्थिति कमजोर हो रही है या आपको तुरंत पैसे की जरूरत है, तो पुराना सोना बेचना एक विकल्प हो सकता है. अगर आपका बहुत ज्यादा पोर्टफोलियो सोने में निवेशित है, तो इसे बेचकर दूसरी संपत्तियों में निवेश करना भी एक समझदारी भरा कदम हो सकता है.

इन कारणों का असर भी सोने पर पडे़गा

अमेरिकी फेडरल ओपन मार्केट कमेटी (FOMC) ने बाजार की अपेक्षाओं के अनुरूप अपनी नीतिगत बैठक में फेडरल फंड दर को 4.25-4.50 फीसदी पर स्थिर रखा है. फेडरल रिजर्व ने संकेत दिया कि वह ब्याज दरों में कटौती करने की जल्दी में नहीं है. इसके अलावा, यूरोपीय सेंट्रल बैंक (ECB) और दक्षिण अफ्रीका के सेंट्रल बैंक ने अपनी ब्याज दरों में 25 बेसिस प्वाइंट (bps) की कटौती की है.

ईसीबी ने अपनी जमा दर को घटाकर 2.75 फीसदी कर दिया. वहीं, अमेरिका की Q4 GDP वृद्धि दर 2.3 फीसदी रही, जो अपेक्षित 2.6 फीसदी से कम थी और पिछले तिमाही के 3.1 फीसदी से भी सुस्त थी. हालांकि, पर्सनल कंजप्शन (Personal Consumption) 4.2 फीसदी दर्ज किया गया, जो 3.2 फीसदी के पहले के अनुमान से बेहतर था. इसके अलावा, अमेरिकी डॉलर इंडेक्स 107.92 पर रहा, जिसमें 0.07 फीसदी की गिरावट दर्ज की गई.

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