अचानक कोई जरूरत आ जाने पर लोग लोन का सहारा लेते हैं. जरूरत मेडिकल इमरजेंसी (Medical Emergency) की हो या कोई अन्य वित्तीय संकट (Financial Crisis) वाली मुश्किल हो, ऐसे में पैसों का इंतजाम करने में लोन बढ़िया सहारा साबित होता है. अगर आप नौकरीपेशा वाले हैं, तो आपके पास पर्सनल लोन (Personal Loan) का विकल्प रहता है. हालांकि पर्सनल लोन समेत तमाम अन्य प्रकार के लोन की प्रक्रिया में कई दिन लग जाते हैं. ऐसे में गोल्ड लोन (Gold LOan) या प्रॉपर्टी लोन (Loan Against Property) लोगों के सामने बढ़िया विकल्प साबित होते हैं.


बाजार में दो तरह के लोन


सबसे पहले आपको बता दें कि अभी बाजार में सिक्योर्ड (Secured Loan) और अनसिक्योर्ड (Unsecured Loan) दो तरह के लोन उपलब्ध हैं. जब कर्ज के बदले आप कोई संपत्ति गिरवी रखते हैं, तो उसे सिक्योर्ड लोन कहते हैं. बहुत से लोग सिक्योर्ड लोन लेना पसंद करते हैं, क्योंकि इसमें ब्याज दर कम होती हैं और लोन की रकम ज्यादा मिलती है. सिक्योर्ड लोन देते समय बैंक आमतौर पर सोना, सिक्योरिटीज, प्रॉपर्टी जैसे एसेट्स को गिरवी रखते हैं.


इन्हें कहते हैं सिक्योर्ड लोन


गोल्ड लोन और लोन अगेंस्ट प्रॉपर्टी दोनों ही सिक्योर्ड लोन हैं. गोल्ड लोन में सोने के आभूषण या सिक्के आदि को गिरवी रखकर कर्ज मिलता है, जबकि लोन अगेंस्ट प्रॉपर्टी में जमीन, मकान या कमर्शियल प्रॉपर्टी गिरवी रखनी होती है. आइए अब जानते हैं कि गोल्ड लोन और प्रॉपर्टी अगेंस्ट लोन में क्या अंतर हैं? 


जानें कितना मिलता है लोन


गोल्ड लोन के मामले में गिरवी रखे जा रहे सोने के बाजार मूल्य के आधार पर लोन की रकम तय होती है. इसमें कीमती रत्न या मेकिंग चार्ज जैसी चीजें शामिल नहीं होती हैं. शुद्धता और वजन के हिसाब से गोल्ड की वैल्यू निकाली जाती है. बाजार मूल्य का करीब 75 फीसदी तक लोन के रूप में मिल सकता है. वहीं, प्रॉपर्टी के बदले लोन के मामले में लोन की स्वीकृत राशि 75 फीसदी तक हो सकती है. अगर प्रॉपर्टी की मार्केट वैल्यू ज्यादा है, तो लोन की रकम बढ़ जाती है.


इसमें कम देना होता है ब्याज


आम तौर पर गोल्ड लोन की तुलना में प्रॉपर्टी अगेंस्ट लोन सस्ता पड़ता है, क्योंकि इसमें ब्याज दरें कम होती हैं. गोल्ड लोन की ब्याज दरें अभी 9 से 28 फीसदी तक हैं. गोल्ड मार्केट में अधिक उतार-चढ़ाव इसकी वजह है. वहीं, प्रॉपर्टी अगेंस्ट लोन में इंटरेस्ट रेट 9 से 12 फीसदी तक होता है. मतलब साफ है कि लोन अगेंस्ट प्रॉपर्टी काफी सस्ता साबित हो सकता है.


अधिक समय के लिए ये लोन बेहतर


अगर आपको अधिक समय के लिए लोन लेना है तो गोल्ड लोन ठीक विकल्प नहीं है. गोल्ड लोन का टेन्योर 12 महीने से तीन साल तक होता है. यह कर्ज देने वाले बैंक या संस्थान पर निर्भर करता है. वहीं, प्रॉपर्टी अगेंस्ट लोन का रिपेमेंट पीरियड 12 महीने से शुरू होकर 15 साल तक जा सकता है.


लोन प्रोसेसिंग का समय


इस मामले में गोल्ड लोन बेहतर है. प्रॉपर्टी अगेंस्ट लोन के मुकाबले गोल्ड लोन जल्दी मिल जाता है. गोल्ड की वैल्यू पता चलने के तुरंत बाद ही बैंक या वित्तीय संस्थान लोन स्वीकृत कर देते हैं. कई संस्थान तो कुछ ही मिनटों में गोल्ड लोन दे देते हैं. वहीं प्रॉपर्टी अंगेस्ट लोन मिलने में कुछ ज्यादा समय लगता है, क्योंकि बैंक गिरवी रखी जा रही प्रॉपर्टी का टाइटल समेत पूरा बैकग्राउंड चेक करवाते हैं.